छत्तीसगढ़

रायपुर में फिर से शुरू होगा स्काईवॉक का काम, जानें क्या मिलेगा फायदा

Raipur Skywalk Project: रायपुर में फिर से शुरू होगा स्काईवॉक का काम, जानें क्या मिलेगा फायदा

Raipur Skywalk Project: रायपुर में सात साल बाद फिर से अधूरे पड़े स्काईवॉक के निर्माण कार्य को शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए सहमति दी है, जिससे शहरवासियों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। इसके लिए शासन ने 37.75 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार स्काईवॉक का अधूरा काम पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 17 अप्रैल को टेंडर जारी किया था। टेंडर में दो कंपनियों ने हिस्सा लिया। इसमें से रायपुर की फर्म पीएसए कंस्ट्रक्शन को स्काईवॉक का अधूरा काम पूरा करने का जिमा सौंप दिया गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि इसकी ड्राइंग डिजाइन पुरानी ही रहेगी।

 स्काईवॉक का उद्देश्य

रायपुर के शास्त्री चौक, अंबेडकर अस्पताल और जीई रोड जैसे व्यस्त इलाकों में पैदल यात्रियों की संख्या अत्यधिक है। 2016-17 में इस समस्या को हल करने के लिए स्काईवॉक का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन डिजाइन में बदलाव और अन्य कारणों से यह परियोजना अधूरी रह गई। अब मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इसे फिर से पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

 स्काईवॉक से होने वाले प्रमुख लाभ

  1. पैदल यातायात में सुविधा: स्काईवॉक के बनने से शास्त्री चौक और अन्य व्यस्त स्थानों पर पैदल यात्रियों को सड़क पार करने में आसानी होगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
  2. यातायात में सुधार: स्काईवॉक के निर्माण से सड़क पर पैदल यात्री कम होंगे, जिससे वाहनों की गति बढ़ेगी और यातायात जाम की समस्या में कमी आएगी।
  3. वृद्ध और बच्चों के लिए सुरक्षा: स्काईवॉक विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए सुरक्षित होगा, क्योंकि वे बिना सड़क पार किए आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकेंगे।
  4. शहर की सुंदरता में वृद्धि: स्काईवॉक के निर्माण से शहर की संरचना में सुधार होगा और यह एक आधुनिक शहर की पहचान बनेगा।
  5. परियोजना का पुनः आरंभ: सात साल बाद इस परियोजना को फिर से शुरू किया जा रहा है, जिससे पहले से खर्च की गई राशि का सदुपयोग होगा और अधूरे कार्य को पूरा किया जाएगा।

 निर्माण कार्य और लागत

स्काईवॉक का निर्माण कार्य सितंबर से शुरू होने की संभावना है। पहले इस परियोजना की लागत 48 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसमें लगभग 30 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है। इसमें 12 स्थानों पर सीढ़ी, एस्केलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था की जाएगी, जिससे लोगों को आसानी होगी।

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