CCET भिलाई में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन IC-ISHVA 2025 का शुभारंभ, शोध और नवाचार पर रहा फोकस

भिलाई: क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CCET), भिलाई में मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 को द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन IC-ISHVA 2025 (International Conference on Innovations in Science, Hybrid Materials and Various Technological Advances) का भव्य शुभारंभ हुआ। बी-ब्लॉक ऑडिटोरियम में आयोजित इस सम्मेलन में देश-विदेश के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों की उल्लेखनीय भागीदारी देखने को मिली।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीतेंद्र तिवारी के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शोध, नवाचार और वैश्विक सहयोग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे सम्मेलन युवाओं को अनुसंधान की ओर प्रेरित करते हैं और अकादमिक उत्कृष्टता को मजबूती प्रदान करते हैं।

मुख्य अतिथि रेव. फादर डॉ. पी. एस. वर्गीज, कार्यकारी उपाध्यक्ष, सीसीईटी ने अपने उद्घाटन संबोधन में अंतःविषय शोध (Interdisciplinary Research) और तकनीकी उन्नयन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सामाजिक और औद्योगिक चुनौतियों के समाधान के लिए नवाचार आधारित अनुसंधान अत्यंत आवश्यक है तथा इस दिशा में सीसीईटी द्वारा विकसित की जा रही शोध संस्कृति सराहनीय है।
सम्मेलन की रूपरेखा और विषय-वस्तु की जानकारी सम्मेलन संयोजक डॉ. पी. एस. राव एवं डॉ. अर्चना चौधरी ने प्रस्तुत की। वहीं सह-संयोजक डॉ. उत्तम कुमार कर ने IC-ISHVA 2025 के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए युवा शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और बहुविषयक नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में दक्षिण कोरिया के अजू विश्वविद्यालय, सुवन से डॉ. शीतल देवांगन, सहायक प्राध्यापक (मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग) ने सामग्री विज्ञान में हो रहे नवीनतम शोध और तकनीकी प्रगति पर उपयोगी जानकारी साझा की। सम्मेलन में कुल 16 शोध पत्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 9 शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण पहले दिन किया गया। शेष शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण दूसरे दिन की तकनीकी सत्रों में किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र का समापन डॉ. पी. एस. राव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने अतिथियों, वक्ताओं, आयोजन समिति, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। दो दिवसीय यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शोध संवाद और अकादमिक सहयोग का एक सशक्त मंच बनकर उभर रहा है।
