अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर सीमा से महज पाँच किलोमीटर की दूरी पर 24 हाथियों का दल मौजूद है। रात को हाथियों का यह झुंड यह महंगई में मौजूद था। ये हाथी क़रीब आठ से दस घंटे में पैंतीस से चालीस किलोमीटर का सफ़र तय कर अंबिकापुर शहर सीमा पर पहुंच चुके हैं। इनकी तेज रफ़्तार से वन अमला भी आश्चर्यचकित हो गया है।
बढ़ते उद्योगों की रफ्तार और लगातार घटते जंगल ने हाथियों को शरणार्थी बना दिया है। इसे धरती का सबसे शांत और समझदार जानवर माना जाता है, लेकिन अब यह इंसानों से ही सबक़ सीखकर आक्रामक होता जा रहा है। बता दें कि सरगुजा वन वृत्त में औसतन दो सौ से उपर हाथियों की रोज़ाना उपस्थिति होती है।
फिलहाल, वन अमला हर सीमा पर मौजूद हाथियों के दल को लालमाटी और दरिमा के परंपरागत रास्ते पर भेजने की क़वायद में लगा हुआ है। पुलिस और प्रशासन की टीम भी इस अमले के साथ मौजूद है।
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