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विधानसभा के 5वें दिन नेता प्रतिपक्ष का रेत माफियाओं को लेकर स्थगन प्रस्ताव, धान उठाव नहीं होने पर सरकार हमला

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के 5 वे दिन नेता प्रतिपक्ष Dharamlal Kaushik ने रेत माफियाओं को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में रेत को लेकर हाहाकार है. रेत माफियाओं को लेकर अधिकारी लाचार हैं. आज भी नदियों में गाड़ियां लगी हुई हैं.कई स्थानों ओर रेत के टीले बनाकर अवैध रेत का भंडारण किया गया है. अधिकारियों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई है. आम लोग रेत 15 से 20 हज़ार तक खरीदने को मजबूर हैं. सरकार के संरक्षण में बरसात में रेत का खनन खुलेआम हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष के इस स्थगन प्रस्ताव को आसंदी ने अस्वीकार कर दिया.

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर हंगामा

पूर्व CM डॉ. Raman Singh ने प्रदेश में खुल रहे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलाें की संख्या, मान्यता और सेटअप के बारे में सवाल पूछा। जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रदेश भर में 171 स्कूलों के संचालन शुरू होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया, प्रत्येक ब्लॉक में ऐसा एक स्कूल खोला जा रहा है। इसमें नियुक्ति और प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। डॉ. रमन सिंह ने कहा, दुर्ग के पाटन क्षेत्र में एक से अधिक स्कूल कैसे खुल गए हैं, जबकि कई ब्लॉकों में एक भी स्कूल नहीं खुला। संतोषजनक उत्तर नहीं आने पर हंगामा हुआ।

धान उठाव नहीं होने पर सरक़ार पर हमला

इससे पहले प्रश्नकाल में विपक्ष ने समितियों से धान का उठाव नहीं होने के मामले पर सरकार को घेरा। भाजपा विधायक शिव रतन शर्मा ने पूछा कि प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया कितना धान बचा हुआ है। कितने खरीदी केंद्रों से पूरा धान उठा लिया गया है। जवाब में आदिवासी विकास और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया, प्रदेश के 22 जिलों में 15 लाख 67 हजार 784 टन धान का उठाव नहीं हो पाया है। इसकी कीमत 29 अरब, 44 कराेड़ 29 लाख 85 हजार 379 रुपए होती है।

BJP विधायकों ने पूछा कि खरीदी के कितनी देर बाद तक धान को उठा लेने का नियम है। जवाब में मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा, खरीदी के बाद 72 घंटे में उठाव का नियम है। लेकिन यह नियम तब बना था जब कम खरीदी होती थी। पिछले सीजन में 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। एफसीआई को 60 लाख मीट्रिक टन चावल देने की सहमति बनी थी, लेकिन उसने लिया ही नहीं। शिवरतन शर्मा ने कहा, धान का उठाव नहीं होने से सूखत बढ़ रहा है। यह राष्ट्रीय क्षति है। पिछले सात महीनों से उठाव नहीं हुआ। इसका जिम्मेदार कौन है।

विधानसभा अध्यक्ष को करना पड़ा सरकार को निर्देशित

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के कहने पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब देते हुए कहा, 72 घंटे के भीतर उठाव नहीं होने पर समिति ऐसा करा सकती है। धान के रखरखाव के लिए ही समिति को 52 रुपया प्रति क्विंटल दिया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा, समिति को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई कौन करेगा। जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, उसकी भरपाई खाद्य विभाग को करना है। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, सरकार के अनिर्णय के वजह से ऐसा हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर अलग से आधे घंटे की चर्चा कराने का भरोसा दिया तो मामला शांत हुआ।

पटवारी सस्पेंड हो गया अब क्या चाहिए?

भाजपा विधायक नारायण चंदेल के एक सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया, अरपा-भैंसाझार परियोजना के जमीन अधिग्रहण में अनियमितता की जांच के लिए दो टीम बनाई गई हैं। प्रारंभिक तौर पर एक पटवारी को निलंबित किया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने जांच का ब्यौरा मांगा तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तंज किया, पटवारी, राजस्व विभाग का सर्वोच्च अधिकारी होता है। उसको सस्पेंड कर दिया उसके बाद भी आप सवाल पूछते हैं!

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