आप लोगों ने यह अक्सर सुना होगा या आपने भी कभी इस मुहावरे का उपयोग किया होगा लेकिन क्या आपकी पता है। 36 का आंकड़ा मतलब दुश्मनी, विरोधाभास, किसी से बेहद नफरत करना। जब 2 लोग एक-दूसरे से घृणा करते हों, उनके बीच विरोधाभास और कट्टर दुश्मनी जैसी स्थिति निर्मित होती है तो इस मुहावरे को कहा जाता है कि उनके बीच 36 का आंकड़ा है। जब दो विरोधियों के बारे में बाते की जाती है तो ऐसा अक्सर कहा जाता है कि दोनों के बीच 36 का आंकड़ा है। जैसे बीजेपी और कांग्रेस में 36 का आंकड़ा है।
लेकिन क्या आपने कभी इसके बारे में सोचा है कि ये ’36 का आंकड़ा’ ही क्यों कहा जाता है? दो आगे-पीछे मतलब 32 या 38 क्यों नहीं कहा जाता? या फिर दुश्मनी के लिए किसी अन्य संख्या का उपयोग क्यों नहीं करते है। यह आंकड़ा 56 76 क्यों नहीं कहा जाता? ये 36 नंबर का ही इस्तेमाल क्यों किया गया? आइए इसका जवाब हम आपको बताते हैं।
प्रश्न में ही छिपा है उत्तर
जी हा इस सवाल में ही उसका जवाब छिपा हुआ है। बस इसे अच्छे से देखने की जरूरत है। लेकिन आपको अपना नजरिया भी थोड़ा सा बदलना होगा। 36 की संख्या को आपको ध्यान से देखना है। यह 3 और 6 से मिलकर बना है। अब 3 और 6 में कोई संबंध समझ में आया? यदि हम 36 को हिंदी अंकों में लिखेंगे तो वह कुछ ऐसा दिखता है- ३६. इसी में सवाल का जवाब छिपा है।
गणित के शिक्षक प्रो माणिक बताते हैं यदि आप 36 को हिंदी अंकों में लिखेंगे तो पाएंगे कि ३ और ६ दोनों ऐसी संख्या हैं जो एक दूसरे का अक्स यानी आइने वाली छवि लगती है। ३ को आप पलटेंगे तो वह ६ बन जाता है और ६ को आप पलटेंगे तो वह ३ बन जाएगा।
दोनों अंकों को आप एक साथ लिखते हैं, मतलब जब आप ३६ लिखते हैं तो दोनों अंक ३ और ६ एक दूसरे की तरफ पीठ करके खड़े हुए दिखाई देते हैं। यह आकृति विरोध का आभास कराती है। ऐसा लगता है, जैसे दोनों अंकों के बीच परस्पर विरोध हो। “३६ का आंकड़ा” मुहावरे के साथ 36 नंबर का प्रयोग किए जाने के पीछे यही एक लॉजिक है। इसी कारण 36 का उपयोग किया जाता है।
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