Anocovax:जानवरों के लिए लॉन्च हुई पहली ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन, जानिए कैसे काम करती है Anocovax

Anocovax: देश में कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। महाराष्ट्र, केरल के अलावा कई राज्यों में स्थिति फिर चिंताजनक दिख रही है। पिछले कुछ समय से इंसानों के साथ-साथ जानवरों में भी कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की खबरों ने लोगों और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस बीच, जानवरों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भारत में ‘एनोकोवाक्स’ वैक्सीन लॉन्च कर दी गई है। Anocovax
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को देश में पहली बार कोरोना वैक्सीन ‘अनोकोवैक्स’ (Anokovax) लॉन्च किया। वैक्सीन को हरियाणा स्थित आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्विन्स (एनआरसी) द्वारा विकसित किया गया है। कई शोधों से पता चला है कि इंसानों ने पालतू जानवरों को कोरोना वायरस से संक्रमित किया है।
RTPCR टेस्ट में कई कुत्ते और बिल्लियाँ संक्रमित पाए गए हैं। पालतू जानवरों के लिए टीकों की शुरूआत से कुत्ते और बिल्ली के मालिक बहुत खुश हैं। खासकर ऐसे समय में जब कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। पहले वह चाहकर भी उन्हें नहीं बचा पाता था, लेकिन अब वह इस वैक्सीन को लेकर अपने पालतू जानवरों को जानलेवा वायरस से बचा पाएगा।
READ MORE:Rajya Sabha Election: कांग्रेस, भाजपा ने राजस्थान और कर्नाटक में राज्यसभा की 3-3 सीटें जीतीं
ICMR ने एक बयान में कहा है कि Encovax जानवरों के लिए एक निष्क्रिय SARS-Cov-2 डेल्टा (Covid-19) वैक्सीन है। एनोकोवैक्स से प्रतिरक्षा SARS-CoV-2 डेल्टा और ओमाइक्रोन दोनों प्रकारों को प्रभावित करती है। ICMR के अनुसार, वैक्सीन में निष्क्रिय SARS-Cov-2 (डेल्टा) एंटीजन होते हैं। इसमें सहायक के रूप में एलहाइड्रोजेल होता है। ऐसे में जिन जानवरों को इस टीके के लिए सुरक्षित माना जाता है उनमें मुख्य रूप से कुत्ते, शेर, तेंदुए, चूहे और खरगोश शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों को ताजा शोध में इस बात के सबूत मिले हैं कि कुछ कोरोनाविरस, जो पहले सिर्फ जानवरों को संक्रमित करते थे, अब ज्यादा घातक हो गए हैं। अब यह सूअरों और कुत्तों से इंसानों में फैल सकता है।
वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 को 29 विभिन्न जानवरों में पाया है, जिनमें सफेद पूंछ वाले हिरण, बिल्ली, कुत्ते, फेरेट्स, चूहे, ऊदबिलाव और बाघ शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। नवंबर 2020 में, वैज्ञानिकों ने पाया कि मिंक (एक प्रकार का ऊदबिलाव) ने वायरस को मनुष्यों तक पहुँचाया। उत्तरी अमेरिका में, बड़ी संख्या में सफेद पूंछ वाले हिरण लोगों के करीब रहते हैं। मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, इलिनोइस और न्यूयॉर्क राज्यों में जनवरी और मार्च 2021 के बीच परीक्षण किए गए 40% हिरणों में एंटीबॉडी पाए गए। वहीं, 2020 में मिंक से कम से कम 4 अमेरिकी लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ था।