बागेश्वर महाराज पं. धीरेंद्र कृष्ण रायपुर में सुनाएंगे कथा, इस दिन सजेगा दिव्य दरबार, लोगों की समस्याओं का होगा समाधान
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीराम कथा सुनाएंगे। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वृहद स्तर पर तैयारियां की जाएंगी। जिससे स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा बाहर से आने वाले भक्तों के लिए भी खाने-पीने और रहने के पर्याप्त इंतजाम किए जा सकें।
Bageshwar Dham Sarkar Maharaj: रायपुर में 9 दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन होना है। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीरामकथा वाचन के लिए रायपुर आएंगे। श्रीरामकथा 16 से 25 जनवरी तक आयोजित होगी।
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीराम कथा सुनाएंगे। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वृहद स्तर पर तैयारियां की जाएंगी। जिससे स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा बाहर से आने वाले भक्तों के लिए भी खाने-पीने और रहने के पर्याप्त इंतजाम किए जा सकें।
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar Dham Sarkar Maharaj) का दरबार भी लगेगा। दरबार 20 से 21 जनवरी को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक लगेगा। इसमें पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार की मदद से श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान करेंगे।
कौन हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख हैं, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में एक लोकप्रिय धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम के महाराज है। भागवत महापुराण के कथावाचक, जो बिना बताए लोगों के मन को जानते हैं और उसका समाधान भी बताते हैं, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं और भगवान बालाजी की कृपा से लोगों के मन को जानते हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म कब हुआ था?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गढ़ा में हुआ था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था।
बागेश्वर धाम का इतिहास क्या है ?
बागेश्वर धाम का इतिहास यह है लोगों की मान्यताओं के आधार पर बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Sarkar Maharaj) भूत भवन महादेव गढ़ा में स्थित है और वह चंदेल कालीन सिद्धपीठ है मंदिर का आयोजन गांव वालों ने 1986 में किया था उसके बाद यहां के बाबा पंडित 1987 के बीच गांव सेतुलाल गर्ग चित्रकूट से दीक्षा प्राप्त कर बागेश्वर धाम पहुंचे, जिसके बाद 1989 में एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसके बाद बागेश्वर धाम लोकप्रिय होने लगा।