वारदात

बेंगलुरु में तस्करी कर लाए गए 244 बच्चे, तस्करों ने विवरण में हेराफेरी कर बनवाए फर्जी आधार कार्ड

बेंगलुरु। बैंगलोर में मानव तस्करों द्वारा आधार कार्ड के विवरण में हेराफेरी कर नाबालिगों को काम के लिए लाए जाने की खबर सामने आ रही है। सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा अकेले इसी साल ही क्रांतिवीर संगोली रायन्ना रेलवे स्टेशन पर ऐसे 244 मामलों के बारे में पता लगाया है।
पुलिस अधीक्षक जीआरपी डी.आर. सिरी गौरी के मुताबिक, आधार कार्ड पर लेमिनेशन कराना ऐसी गतिविधियों में शामिल हुए लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है।
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आगे उन्होंने कहा कि मूल आधार कार्ड में उम्र के विवरण में फेरबदल की जा रही है। ये आधार कार्ड तस्करों द्वारा लाए गए बच्चों को सौंप दिए जा रहे हैं ताकि ऐसा जान पड़े कि उनकी उम्र 18 साल से ज्यादा की है।” उन्होंने बताया कि जब बच्चों से पर्सनली बात की जाती है, तो वे अपना अलग उम्र बताते हैं।
एसपी ने कहा कि अभी तक तो यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या नाम भी बदल दिए गए हैं या फिर कार्ड का दुरुपयोग पड़ोसी देशों से प्रवासियों को लाने के लिए किया जा रहा है।
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चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन की बेंगलुरु इकाई के कार्यक्रम प्रबंधक एम पी रश्मी ने बताया कि कि इन कार्डों के बारे में जब जांच की गई तो पता चला कि असल में, वे तो नकली हैं।
उन्होंने पूछा “ज्यादातर मामलों में, जन्म तिथि और महीने दोनों को ‘1’ के रूप में दिया जाता है। उनमें से इतने सारे एक ही दिन कैसे पैदा हो सकते हैं?”
फिर उन्होंने कहा, “उनमें से सत्तर प्रतिशत बिहार से हैं और उसके बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं। कुछ राजस्थान, ओडिशा, झारखंड और कर्नाटक से भी थे। इन कार्डों में 14 या 15 वर्ष की आयु को 20 वर्ष के रूप में दिखाया गया है। “
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एसपी ने कहा कि यदि यूआईडीएआई ने उनके साथ डेटा शेयर किया तो इससे उन्हें आसानी से क्रॉसचेक करने और मामलों की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
लेकिन यूआईडीएआई के उच्च अधिकारियों ने यह कहते हुए इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया कि वे आधार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गोपनीयता बनाए रखने के लिए बाध्य हैं।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्ड की प्रामाणिकता की जांच के लिए एक बेहद खास और विशेष ऐप का प्रयोग करके कार्ड पर क्यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है।
इस मामले में बोस्को के कार्यकारी निदेशक और रेलवे चाइल्डलाइन के निदेशक फादर वर्गीज पल्ली ने कहा कि बाल श्रम को खत्म करने का एकमात्र उपाय है कि शुरुआत में ही इस पर अंकुश लगा दिया जाए।

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