Bastar Mysterious Cave: छत्तीसगढ़ के बस्तर को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। यहां के नैसर्गिक वन, खूबसूरत जलप्रपात और कांगेर वैली नेशनल पार्क के तो क्या कहने। यहां के प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। आइये हम आज आपको बस्तर के कुछ और मनमोहक जगहों का सैर कराते हैं।
बस्तर की तीन प्रसिद्ध गुफाएं पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। अब बस्तर के ग्रामीणों ने एक और गुफा खोज निकाली है। इन दिनों यह गुफा काफी सुर्खियां बटोर रही है।
वैसे पर्यटन विभाग ने अब तक इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया है, मगर इस गुफा की खूबसूरती लोगों का मन मोह ले रही है। कहा जा रहा है कि इस गुफा की खोज सन 1948 में मांदरकोंटा गांव के ही लखमा सोढ़ी नामक एक ग्रामीण ने किया था।
मगर जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण नैसर्गिक गुफा ज्यादा प्रचलित नहीं हो पाई। यह बस्तर की प्रसिद्ध कैलाश गुफा, दंडक गुफा और कुटुंबसर गुफा की तरह खूबसूरत, विशाल और काफी गहरी है। अब स्थानीय लोग गुफा तक पहुंच कर पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इस वजह से मांदरकोंटा का गुफा लोगों के लिए मुख्य आकर्षण बना हुआ है।
पर्यटकों के लिए बनी आकर्षण का केंद्र
यह रहस्मयी गुफा जगदलपुर शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर नेगानार इलाके में बड़े चट्टानों के बीच मौजूद है। बताया जा रहा है कि यह गुफा सैकड़ों साल पुराना है।
हालांकि गुफा का मुख्य द्वार काफी सकरा है इस वजह से ग्रामीण भीतर जाने से हिचकिचाते थे मगर धीरे-धीरे ग्रामीणों ने अंदर प्रवेश करना शुरू किया। इसकी गहराई की जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस गुफा में चूना पत्थर होने की वजह से पानी के रिसाव से कार्बनडाइऑक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया होने के कारण गुफा में स्लेटमाइट व स्लेटराइट के स्तंभ बन चुके हैं। स्लेटराइट के स्तंभ में रोशनी पड़ने के कारण गुफा और भी चमकदार, आकर्षक लगती है। ग्रामीणों ने कहा कि इस अद्भुत गुफा के भीतर प्रकृति की बनाई सुंदर संरचना और कलाकृति पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है।
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित
जानकारों ने बताया कि इस रहस्यमयी गुफा की गहराई लगभग 60 से 70 मीटर है। ग्रामीणों ने भीतर स्थानीय देवी देवता के पत्थर भी स्थापित किए हैं। यहां देवी देवता की पूजा पाठ भी की जाती है। मांदरकोंटा गुफा की जानकारी मिलने के बाद अब लोग इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटकों के भी गुफा में आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। अगर यह गुफा पर्यटन स्थल बन जाता है तो स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। ऐसे में जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को मांदरकोंटा गुफा पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं, बस्तर कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम कर रहा है। ग्रामीणों से मांदरकोंटा गुफा की जानकारी मिली है। बस्तर में मौजूद अन्य गुफा की तरह इस गुफा तक भी सैलानियों की पहुंच को आसान बनाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। आने वाले दिनों में पर्यटक आसानी से पहुंच सकेंगे और खूबसूरत गुफा को निहार सकेंगे। फिलहाल, यहां आनेवाले पर्यटकों को स्थानीय ग्रामीण गाइड के रूप में इस गुफा की पूरी जानकारी दे रहे हैं।
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