Godhan Nyay Yojana:
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों से उचित दाम पर गोबर की खरीद की जाती है एवं उस गोबर का गौठान में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जाता है। अब धीरे-धीरे इस योजना का लाभ लोगों को होता दिखाई दे रहा है। आइए आपको मिलाते हैं एक ऐसी ही गोधन न्याय योजना की भागीदार और लाभ लेने वाली एक महिला से-
इस महिला का नाम है कौशल्या भगत जो कि ग्राम डाडंटोली की रहने वाली है। वह अब अपने घर के जरूरी कामकाज निपटाने के लिए, समुह की मीटिंग में जाने के लिए किसी दूसरे की बाट नही जोहती, क्योंकि कौशल्या ने अब अपनी मेहनत के पैसों से स्कूटी खरीद ली है। अब कौशल्या मीटिंग अटेंड करने के लिए भी स्कूटी से जाती है। यह उसने खुद की कमाई से खरीदी है। यह सबकुछ संभव हो पाया है छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई गौठान योजना से।
कौशल्या ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन साल पहले वह उन्नति महिला स्व-सहायता समूह चेरिया गौठान से जुड़ी। इसके बाद उसने 160 क्विंटल गोबर बेचा। उससे उसने 32 हजार रुपए कमाए। समूह ने विभिन्न गतिविधियों की, जिसमें वर्मी कम्पोस्ट बनाया और 160 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बेचकर 32 हजार कमाया। इसके साथ ही बकरीपालन से 45 हजार, मछली पालन से 15 हजार रुपए कमाए।
आगे कौशल्या ने बताया कि समूह ने आलू अदरक की खेती भी की है। इस खेती से उन्हें 32 हजार की आय हुई है। समूह को मिनी राइस मिल भी मिला, उससे 18 हजार की आय हुई। इस प्रकार समूह को 2 लाख 40 हजार की आय हुई। इससे समूह की प्रति सदस्य को 18 हजार रुपए से भी अधिक की आय हुई। कौशल्या को गोबर बेचने से भी आय हुई थी। इस आय से उसने अपनी तत्कालीन जरूरत के मुताबिक स्कूटी खरीद ली।
कौशल्या ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चौपाल में धन्यवाद देते हुए कहा, आपके द्वारा शुरू की गई इसी योजना के कारण ही वह यह कर पाई। इसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा सभी को ऐसी योजना से जुड़ना चाहिए। गौठान से जुड़ने पर एक तरफ जहां ग्रामीणों को गोबर मिलता है, वहीं दूसरी ओर इसे बेचकर ग्रामीण आय भी अर्जित करते हैं।
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