छत्तीसगढ़
नक्सलियों के खिलाफ होगा बड़ा एक्शन, अजित डोभाल आएंगे बस्तर!
रायपुर| छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही हैं, लागातार उनके नापाक इरादों व ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रही हैं| बावजूद इसके नक्सली बार-बार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं|
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पिछले माह 3-4 अप्रैल को बीजापुर में हुए नक्सली हमले ने बस्तर की धरती को खूनी होली से रक्तरंजित कर दिया था। बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के नक्सली लीडर हिड़मा के गांव टेकलागुड़ा बस्ती के पास नक्सलियों ने एंबुश में फंसाकर फोर्स पर हमला कर दिया था। इस हमले में कुल 23 जवान अब तक शहीद हुए थे।
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जिसमें डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा बटालियन और बस्तर बटालियन समेत 23 जवान शामिल हैं| इस मुठभेड़ के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचे और बंद कमरे में 11 धर्म गुरुओं के साथ स्पीकर हाउस में मीटिंग की, इसमें नक्सल समस्या मुख्य मुद्दा रहा।
शाह ने धर्म गुरुओं से समस्या से निपटने के लिए सुझाव मांगे और कहा कि बस्तर में नक्सली जल्द खत्म होंगे। इस मीटिंग में शाह के अलावा सीएम रमन सिंह भी शामिल थे।
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छत्तीसगढ़ आएंगे अजित डोभाल
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केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा करने के बाद से ही अजीत डोभाल की छत्तीसगढ़ आने की कायवाद शुरू हो गई हैं| बता दें की अजीत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई 2014 से इस पद पर हैं।
डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। डोभाल ने भारत के अनेक ख़ुफ़िया मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हैं, सूत्रों के हवाले से खबर मिली हैं की अजित डोभाल जल्द ही बस्तर की ओर रुख करेंगे और नक्सलियों को खत्म करने की योजना बनेयेंगे|
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आपको बात दें की अजीत डोभाल भारत की सुरक्षा से जुड़े सबसे ताकतवर नौकरशाह हैं| उनकी नियुक्ति सीधे पीएम मोदी ने की है और डोभाल सिर्फ उन्हीं के प्रति जवाबदेह हैं| वो नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) के प्रमुख हैं|
ये एक सलाहकार बॉडी है जिसे गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ काम करना पड़ता है| संस्थानिक पदक्रम में एनएससी के एक पायदना नीचे स्ट्रेटेजिक पॉलिसी ग्रुप का नंबर आता है, इसमें सभी मंत्रालयों के सचिव होते हैं जो काउंसिल का हिस्सा होते हैं, इसमें सेना के तीनों (जल, थल, वायु) हिस्सों के प्रमुख भी शामिल होते हैं, वहीं देश की बड़ी खुफिया एजेंसियों- इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)- के प्रमुख भी इसका हिस्सा होते हैं|
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इसमें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर का काम भारत सरकार के लिए ऐसी सुरक्षा नीति को तैयार करके तालमेल बिठाना होता है, जिसके जरिए भारत की सुरक्षा, आंतिरक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सही तरीके से हो सके|नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर का काम सुरक्षा से जुड़ी जानकारी का मुख्य समीक्षक होने के अलावा खासतौर पर जब मामला खुफिया सूचना से जुड़ा हो तब सरकारी संस्थाओं और पीएम के बीच सलाहकार होने का होता है|
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