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Big Breaking: नहीं रहीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर, 92 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

बॉलीवुड में आज सन्नाटा पसरा हुआ है। जिसकी वजह यह है कि स्वरा कोकिला लता मंगेशकर के यू आचनकर अलविदा कह इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं। कोकिला की मौत से लहजा आम हो या खास, हर किसी की आंखें नम हैं।
नई दिल्ली: सिनेमा जगत के लिए बेहद दुखद खबर है. कई दशकों तक अपनी सुरीली आवाज से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली स्वरा कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। लता जी ने 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।
27 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे
भारत रत्न लता मंगेशकर कोविड से संक्रमित होने के बाद आठ जनवरी से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। लता जी लगातार आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में थीं। हालांकि उनकी सेहत में भी सुधार हो रहा था। उन्हें कुछ दिनों के लिए वेंटिलेटर पर भी रखा गया और फिर बाद में वेंटिलेटर से हटा दिया गया। लेकिन अचानक उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें फिर से वेंटिलेटर पर रख दिया गया। लेकिन आज अचानक उनके निधन की खबर आई जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
इलाज में लगी पांच डॉक्टरों की टीम
लता मंगेशकर की देखभाल के लिए अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी। एक निजी चैनल से बात करते हुए डॉ प्रतिमा समदानी ने बताया कि लता मंगेशकर को कोरोना के साथ-साथ निमोनिया भी हो गया था।
16 जनवरी को अच्छा खाना खाया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लता दीदी ने 16 जनवरी की रात को अस्पताल में भर्ती होने के बाद पहली बार ठीक से खाना खाया था. इसके बाद अगले दिन अच्छा नाश्ता किया।
5,000 से अधिक गाए गीत
लता मंगेशकर ने एक हजार से अधिक हिंदी फिल्मों और 36 क्षेत्रीय फिल्मों में गाया है। कुल मिलाकर, उन्होंने 5,000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी है। इतने सालों में लता दीदी ने मधुबाला से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक अपनी आवाज दी है।
पिता की मौत के बाद परिवार को संभाला
1942 में लता मंगेशकर के पिता की मृत्यु हो गई। सबसे बड़ी संतान होने के कारण परिवार का सारा भार लता जी के कंधों पर आ गया। जिसके बाद लता जी ने उन्हें उनके पिता के दोस्त मास्टर विनायक द्वारा फिल्म बड़ी मां में एक भूमिका की पेशकश की, जिसके लिए वह मुंबई आ गईं। इसके साथ ही लता जी ने उस्ताद अमन अली खान से हिंदुस्तानी संगीत सीखा। लता दीदी ने अपने करियर में कई दिग्गज संगीत निर्देशकों के साथ काम किया है। जिसमें मदन मोहन, आरडी बर्मन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और एआर रहमान शामिल हैं।

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