छत्तीसगढ़

प्रशासन की कार्रवाई को मिला हाईकोर्ट का तगड़ा झटका, हुक्का बार पर नहीं लगेगा प्रतिबंध, कहा- कानून के बिना नहीं लगा सकते रोक

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में प्रशासन ने हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब प्रशासन की इस कार्रवाई को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा कि कानून लाए बिना इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
बता दें कि रायपुर के राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी ने एडिक्शन कैफे सहित 6 हुक्का बार संचालकों को धंधा बंद करने के विषय में नोटिस जारी कर दिया था। कैफे संचालकों ने इस नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर दी थी। बुधवार को जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच में मामले की सुनवाई की गई।
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वकील अंकुर अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिसमें यह कहा गया है कि राज्य शासन ने हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। इस पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने बार संचालकों पर बिना किसी कानून के दबाव डालकर हुक्का बार को बंद करने के लिए कहा जा रहा है।
दायर की गई याचिका में यह तर्क दिया गया है कि राज्य सरकार ने कोटपा एक्ट में संशोधन कर हुक्का बार को बंद करने की बात की है। संविधान के प्रावधान के मुताबिक, राज्य सरकार बिना किसी कानून के किसी भी कारोबार को इस तरह से बंद नहीं करा सकती है।
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जानकारी के लिए बता दें कि रायपुर में पहले भी बार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था। किंतु अब तक इसे बंद करने का कोई कानून नहीं बना है। पहले भी हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्र और जस्टिस पी सेम कोशी ने इस आदेश को खारिज कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से हुक्का बार संचालकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही थी।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन
वकील अंकुर अग्रवाल ने कहा, राज्य शासन की यह जिम्मेदारी है कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे। हाईकोर्ट का यह आदेश याचिकाकर्ता बार संचालकों पर लागू होगा, मगर इस आदेश के आधार पर राज के और भी हुक्का बार संचालक हाईकोर्ट से स्टे ले सकते हैं। स्टे नहीं लेने पर भी राज्य सरकार को अभी हुक्का बार संचालकों को छूट देनी चाहिए।

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