मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करने वाले ‘Bulli Bai’ (बुली बाई) एप के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि भारत सरकार मामले में कार्रवाई करने के लिए दिल्ली और मुंबई पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि बुल्ली बाई ऐप के होस्टिंग प्लेटफॉर्म जीथब ने यूजर को खुद ब्लॉक कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (सीईआरटी) और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए उनका सहयोग कर रहे हैं। मामले को देखने और साइबर सेल से समन्वय स्थापित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मामले की शिकायत करने वाली शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘बुल्ली बाई ऐप के डेवलपर और ट्विटर अकाउंट को हैंडल करने वाले के खिलाफ धारा 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही 354डी, 509, 500 और आईटी अधिनियम की धारा 67 मुंबई के पश्चिमी क्षेत्र में साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था जिसे जीथब में होस्ट किया गया था”
वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी दिल्ली पुलिस से मामले में कार्रवाई करने को कहा है। इस्मत आरा की शिकायत के बाद आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले का संज्ञान लिया। इस्मत ने दावा किया कि वह भी ऐप की शिकार हो गई थी। उसने बाद में कहा था कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
‘Bulli Bai’ ऐप क्या है?
‘बुली बाई’ एक ऐसा ऐप था जो जीथब एपीआई पर बनाया गया था और ‘सुली डील’ ऐप की तरह काम करता था। जीथब एप पर बुल्ली बाई नाम के एक एप्लीकेशन पर मुस्लिम महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट और नीलाम की जा रही थीं।
हालांकि, इसके ट्विटर अकाउंट को खुलासे से सस्पेंड कर दिया गया है। इसका बायो रीड, ‘बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) के एक समुदाय द्वारा संचालित एक ओपन-सोर्स ऐप है। इसके ट्विटर लोकेशन स्टेटस से पता चलता है कि अकाउंट यूएस से संचालित हो रहा था।’
Back to top button