CG Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नौ मार्च को साल 2022-23 का वार्षिक बजट पेश करेंगे। 13 बैठकों का वाला सत्र सात मार्च से 25 मार्च तक चलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साल 2021-22 का तीसरा अनुपूरक बजट रखेंगे।
आपको ज्ञात होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी की 1 तारीख को आम बजट पेश किया था। क्या आपको पता है बजट कितने प्रकार का होता है और राज्य और केंद्र का बजट कैसे अलग होता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर केंद्र और राज्य के बजट में अंतर क्या होता है?
केंद्रीय बजट
संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत गणराज्य का वार्षिक बजट है। केंद्रीय बजट सरकार के खर्च का हिसाब रखता है और जहां से वे वित्तीय वर्ष के लिए कर एकत्र करेंगे। केंद्र सरकार के तहत आने वाली सेवाओं जैसे रेलवे, उड्डयन, केंद्रीय विश्वविद्यालय, केंद्रीय अस्पताल इत्यादि को लेकर केंद्रीय बजट में घोषणाएं की जाती हैं।
इस बजट को आगे दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है अर्थात् पूंजीगत बजट और राजस्व बजट।
पूंजीगत बजट: इस बजट में सरकार की पूंजीगत प्राप्तियां और भुगतान शामिल होते हैं। पूंजीगत प्राप्तियों में जनता, विदेशी सरकारों और आरबीआई से ऋण शामिल हैं। जबकि पूंजीगत व्यय उपकरण, मशीनरी, शिक्षा, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं आदि के विकास पर खर्च किया जा रहा है।
राजस्व बजट: इस बजट में सरकार के राजस्व व्यय और प्राप्तियों को शामिल किया जाता है। राजस्व व्यय सरकार का दैनिक आधार पर खर्च है।
राज्य का बजट
इसमें हर राज्य को हर साल अपना बजट खुद तैयार करना होता है। राज्य सरकार के बजट में अधिकतर सड़कों के निर्माण, रखरखाव व परिवहन जैसी चाजें शामिल होती हैं। इसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, भूमि विकास के अलावा राज्य की सिंचाई सुविधाएं आदि भी इस बजट में शामिल होते हैं। यह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले एक वित्तीय वर्ष के अंत में सरकार के राजस्व और व्यय का अनुमान है।
राज्य के बजट की प्राप्ति केंद्रीय बजट से भिन्न होती है। इस बजट में राज्य द्वारा एकत्रित कर और गैर-कर राजस्व शामिल होता है, जिसे बाद में केंद्रीय करों के हिस्से के साथ साझा किया जाता है।
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