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धान बोनस में 1 हजार की कटौती, पौधरोपण करने वालों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की सहायता

  • छत्तीसगढ़ कैबिनेट के फैसले : धान की जगह दूसरी फसलों को बढ़ावा देगी सरकार

रायपुर . छत्तीसगढ़ में धान की जगह दूसरी फसलों की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि में 1 हजार रुपए की कटौती कर दी है। वहीं न्याय योजना में दलहन-तिलहन की फसलों को जोड़कर उनकी सहायता राशि प्रति एकड़ 10 हजार रुपए ही रखी गई है।

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इसके अलावा वाणिज्यक पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इसकी खास बात यह है कि धान की फसल लेने वाले किसान यदि इसके बदले अपने खेतों में पौधरोपण करेंगे तो उन्हें आगमी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ये फैसले मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए।

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अब इन फसलों को भी ‘न्याय’
मंत्रिमंडलीय उपसमिति की अनुशंसा पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में खरीफ 2021 की समस्त फसलों को जैसे कोदो, कुटकी, रागी, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, सोयाबीन, मूंगफल्ली, तिल, रामतिल, कपास, सनई, जूट के साथ-साथ कृषि वानिकी को शामिल करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में समस्त श्रेणी के भूमि स्वामी कृषक एवं वन पट्टाधारी कृषक पात्र होंगे। वहीं कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि स्वामी कृषक को प्रथम 2 वर्ष के लिए 9000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 4 किस्तों में आदान सहायता मिलेगी। धान फसल के पंजीकृत कृषकों एवं धान बीज उत्पादक को 5837.40 करोड़ रुपए चार किस्तों में दिए जाएंगे। गन्ना पेराई वर्ष 2020-21 के लिए 84.25 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मिलेंगे।

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नुकसान होगा, लेकिन मिलेगा धान का 2500 रुपए
एक तरह से सरकार प्रति क्विंटल में 15 एकड़ धान की पैदावार मान रही है। इसके हिसाब से 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की सहायता दी जाती है। इससे किसान को प्रति एकड़ 666 रुपए का फायदा होता है। पिछली बार कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपए प्रति एकड़ था। ऐसे किसानों को प्रति एकड़ 2534 रुपए मिलते थे।

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अब अधिकारियों का तर्क है कि कुछ समय बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य फिर से तय होगा। इसमें सरकार मान कर चल रही है कि प्रति क्विंटल 50 रुपए की वृद्धि हो सकती है। इस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ 2584 रुपए की सहायता मिलेगी। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने 1 हजार रुपए कम किए हैं।

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