मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का है। यहां पर करीब 2 महीने पहले खाद्य नियंत्रक की ID और पासवर्ड का इस्तेमाल करके 185 फर्जी राशनकार्ड बनाए गए। अब इस फर्जी राशन कार्ड बनाने के मामले में निगम के कंप्यूटर ऑपरेटर, पुलिसकर्मी के बेटे और राशन दुकान संचालक सहित 4 लोगों को पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया है। एडिशनल एसपी का कहना है कि अभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इस राशन कार्ड बनाने के फर्जीवाड़े में और भी लोगों के शामिल होने की शंका जताई जा रही है।
खाद्य विभाग के मॉड्यूल से बनाए गए फर्जी राशन कार्ड
जानकारी के मुताबिक, ये फर्जी राशन कार्ड खाद्य विभाग के मॉड्यूल से बनाए गए। इन कार्ड में से 57 कार्ड का उपयोग राशन निकालने में भी किया गया। जब राशन निकाले गए तो बाद में विभाग के निरीक्षक को इस बात की जानकारी मिली। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने विभागीय स्तर पर जांच प्रक्रिया शुरू की। जांच करने पर फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। इस पर विभाग ने दुर्ग कोतवाली में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। बताया जा रहा है कि अब तक 185 फर्जी राशनकार्ड बनाए गए हैं और 57 राशन कार्ड का उपयोग कर राशन भी निकाला गया है।
44 अंत्योदय और 144 अन्य श्रेणी के बनाए गए हैं कार्ड
शासन स्तर पर जारी किए गए इस विशिष्ट पहचान का बहुत ही बुरे तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके द्वारा 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गए। एक और खास बात, सभी राशन कार्ड ऑफिस का समय खत्म होने के बाद ही बनाए गए और अवकाश के दिनों में भी राशन कार्ड बनाए गए थे। मिली जानकारी के अनुसार, इन्हें बनाने के लिए 9 IP एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था। अब इस बात से साफ जाहिर हो रहा था कि इस कार्य में कोई विभागीय अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल है।
ब्लॉक ID का भी इस्तेमाल
185 राशन कार्ड बनाए गए, वो भी फर्जी तरीके से। विभागीय IP एड्रेस से विभिन्न फर्जी IP एड्रेस वाले कम्प्यूटर व मोबाइल से तैयार किए गए। उसके बाद फर्जी राशन कार्ड के द्वारा दुकान से अनाज के साथ छेड़छाड़ की गई ऐसे अनाजों के हेरबदल से शासन को हर महीने करीब दो लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। इन फर्जी राशन कार्ड को बनाने के लिए ब्लॉक ID का इस्तेमाल किया गया था।
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