छत्तीसगढ़ को जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से 2700 करोड़ रूपये की विशेष सहायता मिल सकती है। इसके लिए राज्य सरकार को 2022-23 के बजट में शामिल अपने पूंजीगत खर्च वाले प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजना होगा। लेकिन इसमें रिपेयरिंग और मेंटेनेंस पर होने वाले खर्च के लिए केंद्र कोई भी राशि नहीं देगा।इसमें केवल 5 करोड़ से अधिक खर्च वाले प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को ही मंज़ूर की जाएगा| लेकिन इनमे भी उन्ही प्रस्ताव को शामिल किया जाएगा,जिसके लिए नाबार्ड या अन्य किसी स्रोत से कर्ज नहीं लिया गया हो।
बता दें कि यह योजना पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा चालू की गई थी, जिसके तहत साल 2020-21 में राज्यों को लगभग 11830 करोड़ की सहायता राशि दी गई थी।इसका खास उद्देश्य पूंजीगत निवेश ही है।
केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली यह राशि पर केंद्र सरकार राज्य सरकारों से 50 सालो तक कोई ब्याज भी नहीं लेगा। इसका मतलब केंद्र सरकार अपने कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर राज्य सरकारों से 50 साल के लिए ब्याज रहित लोन देेगा साथ ही इस लोन के लिए राज्य सरकारों को लोन के लिए 5 मई से पहले केंद्र सरकार के पास अपना प्रस्ताव भेजना होगा।
साथ ही छत्तीसगढ़ को 500 करोड़ रूपये तक का इंसेंटिव भी मिल सकता है, यह इंसेंटिव अफोर्डेबल हाउस बनाने के लिए बिल्डिंग बाई लॉज में संशोधन करने पर छत्तीसगढ़ को 5 सौ करोड़ रुपए के इंसेंटिव के रूप में मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार को सबसे पहले 60 वर्गमीटर तक के एरिया में अफोर्डेबल हाउस बनाने के लिए बिल्डिंग बाई लॉज में संशोधन करना पड़ेगा ओर इसके साथ ही राज्य सरकार को एनओसी से संबंधित प्रक्रियाओं के सम्भंदित में काम करना होगा ताकि आम लोगों को घर बनाने में ज़ादा कही भटकना न पड़े, साथ ही एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में झुग्गी बस्तियों को फिर से विकसित करना होगा ओर इसके साथ ही हेरिटेज को संरक्षित भी करना होगा और सार्वजनिक स्पेस बनाना अनिवार्य भी होगा।
इंसेंटिव पाने के लिए राज्य सरकारों को 5 महीने में सुधार करना होगा। उन्हें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट में संशोधन करना होगा, ताकि टाउन प्लानिंग स्कीम और लोकल एरिया का प्लान तैयार किया जा सके। जिसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर इन सुधारों का परीक्षण करेगा। इसके बाद ही राज्यों को इंसेंटिव का भुगतान किया जा सकेगा।
इस धन राशि का ज़्यादा उपयोग राज्यों में वेयर हाउस, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रियल पार्क और इकोनॉमिक जोन बनाने और उनके बीच कनेक्टिविटी के लिए होगा और इसके साथ ही नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाने और उनके लिए जमीन अधिग्रहण में भी इस राशि का उपयोग किया जा सकेगा।
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