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हवलदार से ऐसा क्या बोले SP साहब, ऑडियो वायरल होने से मची खलबली

बलौदाबाजार. नगर के सिटी कोतवाली के पीछे पुलिस हाउसिंग के तहत निर्माण किए गए मकानों के आबंटन को लेकर पुलिस विभाग के निचले कर्मचारियों द्वारा आबंटन के बाद से ही जताए जा रहा असंतोष को शुक्रवार को तब हवा मिली, जब इस संबंध में एक पुलिस आरक्षक तथा पुलिस अधीक्षक का एक ऑडियो क्लिप (वाइस रिकॉर्डिंग) सोशल मीडिया में वायरल हुआ।

ऑडियो के वायरल होते ही पुलिस विभाग में जमकर खलबली मची हुई है। वहीं, पुलिस अधीक्षक द्वारा बड़े अधिकारियों का नाम लिए जाने से भी पुलिसकर्मियों में नाराजगी व्याप्त है।

शुक्रवार को नगर में फैले आडियो रिकॉर्डिंग में एक बार फिर से पुलिस विभाग के आला अधिकारियों तथा निचले कर्मचारियों के बीच बढ़ रही खाई यानी दूरियां सामने आई हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार ऑडियो जुलाई माह का है, यानी लगभग पांच माह पुराना है। बावजूद इसके ऑडियो को लेकर विभागीय अधिकारियों में सरगर्मी रही।

वायरल ऑडियो में जिले के पुलिस अधीक्षक और कांस्टेबल ब्रम्हानंद देवांगन को आबंटित क्वार्टर को तत्काल खाली करने का आदेश दे रहे हैं और कांस्टेबल द्वारा क्वार्टर को पत्नी द्वारा जमा लिए जाने और निरस्त न करने की गुहार लगाई जा रही है।

कांस्टेबल के अनुनय विनय को नजरअंदाज करते हुए पुलिस अधीक्षक उक्त कांस्टेबल से न सिर्फ दुव्र्यवहार किया, बल्कि पत्नी को छोड़ देने और बड़े अफसरों पर भी टिप्पणी की।

दरअसल, पुलिस अधीक्षक को आपत्ति थी कि कांस्टेबल पुराने मकान को छोड़कर नए मकान में क्यों नहीं जा रहा है और बहस कर रहा है। वहीं, कांस्टेबल की पत्नी पुराने मकान को छोडऩा नहीं चाहती है, जिसकी बात कांस्टेबल पुलिस अधीक्षक को बताना चाह रहा है।

पांच माह बाद यह ऑडियो वायरल कैसे हो गया, इस बाबत विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के पास किसी प्रकार का जवाब नहीं है।

कांस्टेबल ने माना आवाज मेरी है

मामले के संबंध में पुलिस अधीक्षक आईके ऐलेसेला का मोबाइल नंबर लगातार व्यस्त बताता रहा। वहीं, कांस्टेबल ब्रम्हानंद देवांगन ने वायरल ऑडियो में स्वयं की आवाज होने की बात कबूल करते हुए वायरल ऑडियो की बातचीत के कुछ माह पुराने होने परंतु प्रामाणिक होने की बात कही।

 

हवलदार और एसपी की बातचीत के प्रमुख अंश

हेडिंग- परिवार को छोड़ो या क्वार्टर

एसपी- जो क्वार्टर के लिए मैंने आदेश दिया है उसको निरस्त नहीं करूंगा।

हवलदार- घर में पत्नी लड़ाई कर रही है कि सामान शिफ्ट नहीं करूंगी।

एसपी- तलाक दे दो उसको (अपशब्द) तेरी पत्नी झगड़ रही है तो मैं क्या करूं….मैंने आदेश दिया तो उसका पालन करोगे के नहीं…..उल्टा टांग दूंगा, ज्यादा बात किया तो, अभी जाकर चाभी लो। तुम दोगे या मैं आऊं।

हवलदार- या तो क्वार्टर रहेगा या मेरा परिवार रहेगा सर।

एसपी- छोड़ दो। परिवार को छोड़ दो। मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैंने जो आदेश दिया है उसका पालन करोगे या नहीं।

हवलदार- मेरे आदर्श थे सर आप। जब बीजापुर में पोस्टेड थे।

एसपी- तो क्या हुआ। मेरे आदेश का पालन करोगे या नहीं।

हवलदार- पहले बोले कि बी ब्लॉक में जाइए

(बीच में एसपी टोकते हुए)

एसपी- मैं जो पूछ रहा उसका आंसर दो।

हवलदार- आपके आदेश का पालन कर रहा हूं सर।

एसपी- मैंने कैंसल किया तुमने आकर पूछा….. तुमने फोन कराया…. मैंने जो आदेश दिया है उसमें संशोधन नहीं करूंगा। मैं बेवकूफ हूं क्या जो मेरे आदेश का पालन नहीं करोगे।

हवलदार- आप ही के आदेश से गए थे श्रीमान

एसपी- तो फिर मेरे आदेश को क्यों नहीं माना।

हवलदार- मैं एक साल से परेशान हूं सर, श्रीमान मेरी बात भी सुन लीजिए।

एसपी- मैं सुनूंगा नहीं। सोच लो। कल शाम तक चाभी दिया तो दिया नहीं तो दूसरा भी निरस्त कर दूंगा। (चीखते हुए) नहीं सुनूंगा मैं। तुम लोग एसपी से बहस करने आ गए। औकात क्या है तुम्हारा। मैं खुद खड़ा होकर तुम्हारा क्वार्टर खाली करा दूंगा और बहस नहीं करूंगा। तुम्हें जिसके पास जाना है जाओ।

हवलदार- आप ही माईबाप हैं सर। मेरे साथ गलत हो रहा है सर।

एसपी- मैं नहीं सुनूंगा। पत्नी रहेगी या क्वार्टर…….(अपशब्द) सिम्बा का डॉयलॉग का मत मारो। तुम लोगों को बहुत चर्बी चढ़ रही है।

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