छत्तीसगढ़ में पिछले 6 महीने में अलग-अलग जिलों में 6032 सड़क दुर्घटना मेंं 2773 लोगों की मौत हो गई । वहीं केवल इतने ही हादसों में 5376 लोग घायल हो गए हैं। किंतु पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सड़क दुर्घटना से मृत्यु मामले में 29.45 प्रतिशत एवं घायलों की संख्या में 4.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। केवल जून महीने में ही इस बार 943 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 455 लोगों ने दम तोड़ दिया और 867 व्यक्ति घायल हो गए। ये आंकड़े भी जून 2020 के आंकड़ों से बहुत ज्यादा हैं।
दुर्घटनाओं में हुई वृद्धि
जानकारी के अनुसार, इस साल सिर्फ जून महीने में सड़क दुर्घटना से मौत के मामले में 17 प्रतिशत एवं घायलों के मामले में 13 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। इन बीते 6 महीनों में प्रदेश में दो पहिया चलाने वालों ने सबसे ज्यादा जानें गंवा दी।
दुर्घटनाओं का कारण
शनिवार को नवा रायपुर PHQ में पिछले 6 महीने में हुई सड़क दुर्घटनाओं और यातायात नियमों के उल्लंघन की समीक्षा की गई। इस समीक्षा के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के.विज और AIG ट्रैफिक संजय शर्मा की राय ली गई। समीक्षा के दौरान गौर किया गया कि सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ने का कारण तेजी एवं लापरवाही ही है।
जानकारी अनुसार प्रदेश में नेशनल हाईवे में 752 मामलों में 845 व्यक्तियों, स्टेट हाईवे में 499 प्रकरणों में 547 एवं अन्य मार्ग में 1303 प्रकरणों में 1363 लोगों की जान गई है। विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के.विज और AIG ट्रैफिक के द्वारा पिछले 6 महीनों के सड़के हादसे की समीक्षा की गई है।
ये हैं हादसे होने के मुख्य कारण
समीक्षा करने पर पाया गया कि ज्यादातर सड़क हादसे खराब सड़कें होना, गलत पार्किंग, ओव्हर लोड़िंग, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, नशे में वाहन चलाना, लापरवाही से गाड़ी चलाना, हिट एंड रन, वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना, सड़क में मवेशी और गाड़ी में लाइट की कमी होने के कारण ही हुए हैं। इसमे पाया गया कि 69.43 प्रतिशत बाइक चलाने वाले लोगों की जान गई है।
राज्य में सबसे ज्यादा मौतें दो पहिया चालको की
इन 6 महीनों के दौरान राज्य में सबसे ज्यादा मौतें 1056, दो पहिया चलाने वालों की हुई हैं। कार से 286, आटो एवं हल्के सवारी वाहनों से 37, हल्के मालवाहक वाहन से 100 और हल्के मध्यम मालवाहक से 44 लोगों की जान गई। टैक्टर से 206, ट्रक से 454, बस से 36 और हिट एंड रन से 528 ने दम तोड़ दिया है। इस प्रकार अगर आंकड़ों की बात प्रतिशत में की जाए तो सबसे ज्यादा मौतें बाइक से 69.43 प्रतिशत, 12.81 प्रतिशत पैदल यात्री, 5.11 प्रतिशत कार सवार तथा 4.17 प्रतिशत ट्रैक्टर सवारों की मृत्यु हुई है।
जानिए यहाँ बढ़े मौत के आंकड़े
पिछले साल की तुलना में महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मुंगेली, जांजगीर चांपा, रायगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, कांकेर, कोण्डागांव ,सुकमा, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में सड़क दुर्घटना मृत्युदर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले 6 महीने में प्रदेश में मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन के कुल 2,02,050 मामले दर्ज किए गए। जिनसे 5,74,50,950 रुपए समन शुल्क वसूले गए।
दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक होती हैं घटनाएँ
पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्रवाई रायपुर में (30005), दुर्ग(25862), बिलासपुर(17205), सूरजपुर (14640), सरगुजा (10690), कोरबा(8652) में की गई है। जब समीक्षा की गई तो यह बात सामने आई कि दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच प्रदेश में सबसे ज्यादा (46.36%) सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसके पश्चात आर.के.विज.ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दे दिए।
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