पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल मई में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सैनिक मारे गए थे और बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी। हालांकि कहा जा रहा है कि चीन अब भी अपने मारे गए सैनिकों की असली संख्या छिपा रहा है।
वहीं कहा जा रहा है कि चीन ने पहली बार माना है कि गलवान में भारतीय सेना के साथ झड़प में उसके 4 सैनिक मारे गए थे। चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने शुक्रवार को मारे गए सैनिकों को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि से नवाज़ा है। बता दें कि चेन होंगजुन को नायक की मानद उपाधि दी गई है जबकि तीन अन्य सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया है। जवानों का नेतृत्व करने वाले एक कर्नल क्यूई फेबाओ जो झड़प के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए “नायक कर्नल” की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।
बता दें कि रूस की न्यूज एजेंसी तास ने दावा किया है कि पिछले साल भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के दौरान पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में चीन के करीब 45 सैनिक मारे गए थे। वहीं, भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान भी इस झड़प में शहीद हुए थे।
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