छत्तीसगढ़

नक्सलियों से बातचीत को लेकर CM बघेल की दो टूक, कहा- नक्सली पहले देश के संविधान पर विश्वास व्यक्त करें

CM Baghel bluntly regarding talks with Naxalites: 
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से बातचीत को लेकर दो टूक (CM Baghel bluntly regarding talks with Naxalites) कहा है कि नक्सली पहले देश के संविधान पर विश्वास व्यक्त करें। इसके बाद ही उनसे किसी भी तरह की बातचीत होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार की योजनाओं ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आदिवासियों का दिल जीता है, अब वहां के लोगों के लिए सड़क का निर्माण भी हो रहा है। साथ ही वहां के लोग कैंप खोलने की मांग भी कर रहे है|
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CM बघेल ने शनिवार को प्रतापपुर में हुई प्रेस वार्ता में प्रेस कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने प्रतापपुर में कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां पर अपर कलेक्टर का लिंक कोर्ट भी खोला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अफसरों की समीक्षा के बैठक के दौरान भूजल के गिरते स्तर पर चिंता भी जताई। उन्होंने ये भी कहा कि रायपुर शहर के बाद सूरजपुर पहला ऐसा जिला है जहां 800 फीट तक में पानी नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की भूजल में पानी की कमी को दूर करने के लिए हमे विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर से आते समय मैंने देखा कि एक नाला सूख गया है। वहीं पर जिस नाले का ट्रिटमेंट हुआ था उसमें पानी बचा हुआ था। उन्होंने नरवा के विकास के में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रतापपुर के सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। CM बघेल ने समीक्षा की बैठक के दौरान कहा कि जिन लोगों को 13 दिसम्बर 2005 से पहले तक वन भूमि पर कब्जा था उनको उसका पट्‌टा मिल जाना चाहिए। राजस्व विभाग की शिकायत अधिक है। उसमें भी पटवारी की शिकायतें अधिक हैं। तो उनको तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने चौपाल लगाकर लोगों की सुनी शिकायत 
मुख्यमंत्री ने भटगांव विधानसभा के कुदरगढ़ में एक महुआ पेड़ के नीचे अपनी चौपाल लगाई जिसमें उन्होंने लोगो से उनकी शिकायत भी सुनी।
इसमें पहुंचे गड़ईपारा निवासी हरीलाल ने यह बताया कि उनके गांव में कुल 25 परिवार रहते हैं, और उन्हें राशन के लिए 16 किमी पहाड़ चढ़कर कुदरगढ़ आना पड़ता है।इसमे उन्हें करीब 2.30 घंटे का समय लगता है और अगर रास्ता खराब हुआ तो दूसरे रास्ते से 35 किमी भी चलना पड़ता है। उसमें नदी-नाले भी आते हैं।
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उनकी मुख्य्मंत्री से मांग थी की उनके गांव को उनके नज़दीकी पंचायत घुडई से जोड़ा जाए ताकि उन्हें वहां राशन लेना आसान हो जायगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घुड़ई पंचायत की राशन दुकान से गड़ईपारा के लोगों का नाम जोड़ने के निर्देश भी दिए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को राशन कार्ड नहीं मिल प रहा है तो इसमें हमारी गलती है और इसके साथ ही अगर किसी को कोई समस्या है तो वो अधिकारियों को बताएं और अधिकारी भी लोगों से उन्हीं की तरह बात करें ये एक अच्छे काम-काज का तरीका है।

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