रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में थीं, लेकिन कांग्रेस पृष्ठभूमि के कारण उन्हें मौका नहीं मिला। बता दें कि एनडीए ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए ओडिशा की आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है।
नई दिल्ली से बुधवार रात को लौटने के बाद रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या एनडीए द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एक आदिवासी नेता का चुनाव आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए किया गया है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘अनुसुइया उइके जी (जो आदिवासी समुदाय से हैं) भी लगी हुई थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला, क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की है। पहले वह कांग्रेस की विधायक थीं, जिसके कारण उन्हें (राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने का) अवसर नहीं मिला।’
बता दें कि एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को नई दिल्ली पहुंच गई हैं। झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू फिलहाल अस्थायी तौर पर दिल्ली के ओडिशा भवन में रहेंगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपना नामांकन करेंगी। उनके नामांकन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
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