होम-स्टे न केवल पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं रोजगार भी – मुख्यमंत्री
बलरामपुर के 26 युवा बने अग्निवीर, जशपुर में सामुदायिक पर्यटन को मिली नई पहचान

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में प्रदेश को नई दिशा देने वाले कदम उठाए। एक ओर उन्होंने बलरामपुर जिले के चयनित 26 अग्निवीरों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया, तो दूसरी ओर जशपुर जिले में सामुदायिक पर्यटन की नई पहल की शुरुआत की।
अग्निवीरों से मुलाकात, युवाओं के जज्बे की सराहना
बलरामपुर के 26 युवा हाल ही में अग्निवीर योजना के अंतर्गत सेना में चयनित हुए हैं। इन युवाओं ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और गांव, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं को सेना में शामिल होकर देशसेवा का सुनहरा अवसर देती है। अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और देशप्रेम से ही सफलता की नई ऊँचाइयाँ हासिल की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि ये युवा सीमाओं की रक्षा करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे।
चयनित युवाओं में पिंकू पैकरा, जिन्दल, विकास पैकरा, प्रकाश सिंह, खेल साय, आर्यन, देव नंदन पन्ना, नरेंद्र यादव, रंजीत केरकेट्टा, रमेश पैकरा, प्रियांशु, सनोज, निकिता नरसिंह, शशि किरण, सोहन लाल, महेंद्र पैकरा, मिथलेश पैकरा, छोंटू, बज्जू पैकरा, पंकज, विवेक पैकरा, विधायक पैकरा, किशुन पैकरा, सोभनाथ पैकरा, अमित कुजूर और एंजेल लकड़ा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अतिथि शिक्षक सुदर्शन यादव और उनकी टीम की सराहना भी की, जिन्होंने निःशुल्क सेना भर्ती प्रशिक्षण दिया। उनके प्रशिक्षण से लाभान्वित 30 युवाओं में से 26 का चयन अग्निवीर योजना में हुआ है।
जशपुर में सामुदायिक पर्यटन की शुरुआत
इसी दिन मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के देओबोरा, केरे, दनगरी, छिछली और घोघरा ग्रामों में होम-स्टे योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। होम-स्टे न केवल पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं और समुदायों के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर भी प्रदान करेगा। इसके माध्यम से पर्यटक सीधे गाँवों में रहकर आदिवासी संस्कृति, खान-पान और परंपराओं का अनुभव कर सकेंगे।
कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त पर्यटन मित्रों को प्रमाण पत्र भी दिए गए। यह प्रशिक्षण सामुदायिक पर्यटन और होम-स्टे विकास पर आधारित था, जिससे संबंधित ग्रामों को इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।
विधायक रायमुनी भगत ने कहा कि जशपुर का मकरभंजा जलप्रपात प्रदेश का सबसे ऊँचा जलप्रपात है और यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से अनोखा है। विधायक गोमती साय ने कहा कि जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता यहाँ आने वाले पर्यटकों को जीवनभर याद रहती है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, डिप्टी कलेक्टर समीर बड़ा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।