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जब CMO ने हॉस्पिटल में मारा छापा, बीच ऑपरेशन में मरीज को छोड़ भागी डॉक्टर

उत्तरप्रदेश। हमारे भरता में डॉक्टर को भगवन का दर्जा दिया जाता है। लेकिन काई बार देश के अंदर से ही ऐसी तस्वीरें सामने आती है। जो प्रोफेशन को शर्मशार कर देतीं हैं। ऐसा ही कुछ मामला उत्तरप्रदेश के कानपूर से सामने आया है, जहाँ CMO अचानक हॉस्पिटल में धमक पड़ी। इसे देख कर ऑपरेशन कर रही डॉक्टर मरीज को टेबल पर छोड़कर भाग गए। जिसके बाद से हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।
सबसे ज्यादा हैरान करने वाला वाकया उस वक्त सामने आया जब सीएमओ ओटी कक्ष में पहुंचे। ओटी में ऑपरेशन कर रही डॉक्टर रूचि राठौर को पता चला कि सीएमओ ने छापा मारा है, तो मरीज का अधूरा ऑपरेशन छोड़कर भाग गईं। सीएमओ ने महिला डॉक्टर को फोन कर मुकदमा दर्ज कराने की बात कही, तब जाकर महिला डॉक्टर वापस लौटी। बीते शनिवार देर शाम सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने काशी हॉस्पिटल ऐंड सर्जिकल सेंटर में छापा तो वहां मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ भाग निकला।
कल्यानपुर थाना क्षेत्र स्थित पनकी रोड पर काशी हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर नाम हॉस्पिटल संचालित है। सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा को काफी दिनों से अस्पताल की शिकायतें मिल रही थीं। सीएमओ ने अपने स्टॉफ के हॉस्पिटल में छापा मारा तो चारों तरफ अफरातफरी मच गई। हॉस्पिटल मानकों के विपरीत चल रहा था। सीएमओ जैसे हॉस्पिटल में दाखिल हुए तो उन्होने पाया कि बुखार के पेशेंट भर्ती थे, लेकिन किसी की भी डेंगू और कोरोना की जांच नहीं कराई गई थी।
ओटी से डॉक्टर ऑपरेशन छोड़कर भागी
सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा जब ओटी पहुंचे, ऑपरेशन कर रही डॉ. रूचि राठौर महिला मरीज को छोड़कर भाग गई। ओटी में प्रशिक्षित टेक्निशन की जगह पर कक्षा 9 की छात्रा थी। उसने बताया कि महिला मरीज की बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन चल रहा था।
सीएमओ ने डॉक्टर रूचि राठौर को फोन पर जमकर फटकार लगाई और मुकदमा दर्ज कराने को कहा। सीएमओ की फटकार के बाद महिला डॉक्टर वापस लौटी। डॉक्टर रूचि राठौर का लाइसेंस रद्द करने के लिए सीएमओ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से सिफारिश करेगें।
महिला को हो रही थी ब्लीडिंग
सीएमओ ने बताया कि ओटी में महिला का ऑपरेशन छोड़कर डॉक्टर भाग गई। इस स्थिति में महिला की जान का खतरा हो सकता था। महिला को ब्लीडिंग हो रही थी। ओटी में प्रशिक्षित टेक्निशन नहीं थी। यह बहुत ही गंभीर विषय है, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल संचालक उमाशंकर रजिस्ट्रेशन के कागजात नहीं दिखा नही दिखा सके। मरीजों को शिफ्ट करने के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है।

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