रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के आंकडे बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मामलों के रोकथाम के लिए राज्य सरकार तरह तरह के जतन कर रही है। इसी क्रम में अब आज से प्रदेश मे बूस्टर डोज लगने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि करीब 22.60 लाख को बूस्टर डोज लगेंगे। इसके लिए अलग से पंजीयन जरूरी नहीं है। यह बूस्टर डोज बीमार बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जानी है।
स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन यह डोज दोनों डोज लगने के बाद 9 माह की अवधि पूरा करने वालो को ही लगेगी।
जानकारी के मुताबिक, मात्र एक हफ्ते में राजधानी के 45 से अधिक इलाके संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। रविवार देर रात तक राजधानी रायपुर में सक्रिय मरीज मतलब एक्टिव केस का आंकड़ा 5 हजार तक पहुंच चुका है।
सक्रिय मरीजों का 25 फीसदी से अधिक हिस्सा यानी कि एक हजार से अधिक केस मात्र डीडीनगर, अशोका रत्न शंकर नगर, चौबे कॉलोनी, सड्डू, टाटीबंध, देवपुरी, आफिसर्स कॉलोनी देवेंद्र नगर और सिविल लाइंस में है।
वहीं, डाक्टरों का कहना ये है कि इन इलाकों के लोगों में जागरुकता के कारण जांच करवाने वालों की संख्या ज्यादा है, इसलिए संक्रमित भी अधिक निकल रहे हैं। शहर के ट्रेंड की तरह यहां भी 98 फीसदी संक्रमित होम आइसोलेशन में ही रखे गए हैं।
जनवरी की शुरूआत में राजधानी रायपुर में 216 एक्टिव मरीज दर्ज किए गए थे। उसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और अब यह पिछले एक हफ्ते से काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
यहां मिले सर्वाधिक केस
डीडी नगर – 225+
अशोका रत्न – 175+
टाटीबंध – 162+
शंकर नगर – 140+
देवपुरी – 137+
चौबे कॉलोनी – 125+
सड्डू – 110+
सिविल लाइंस – 100+
आफिसर्स काॅलोनी – 92+
आरटीपीसीआर 87 प्रतिशत
राजधानी रायपुर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद से आरटीपीसीआर टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। वर्तमान में 87 प्रतिशत तक आरटीपीसीआर टेस्ट की जा रही है। इसकी वजह से बहुत से लोगों को एक से दो दिन बाद रिपोर्ट मिल रही है।
नए मिल रहे संक्रमितों में से लगभग 70 प्रतिशत मरीज 21 से 30 और 31 से 40 साल के बीच की उम्र वाले हैं। इनके अतिरिक्त बच्चों में अधिक संख्या में संक्रमण के मामले देखे जा रहे हैं।
बता दें कि रायपुर में 0 से 17 के एजग्रुप में अब तक 500 से अधिक बच्चे पॉजिटिव हो चुके हैं।
प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है कि जिन घरों में 2 और मोहल्लों में 5 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाए।
प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन में रहनेवालों की सुविधा के लिए अफसरों की नियुक्ति करने के साथ उनके फोन नंबर भी जारी कर दिए हैं।
लोगों से यह कहा गया है कि सिर्फ हेल्थ इमरजेंसी के अतिरिक्त किसी भी काम के लिए वे घरों से बाहर न जाएं।
बताया जा रहा है कि राजधानी में सिर्फ जोन-3 ही ऐसा जोन है, जहां एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं है। बहरहाल, वहां इक्का-दुक्का कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, मगर ऐसे हालत नहीं हैं कि कंटेनमेंट जोन बनाया जाए।
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