रायपुर। सोमवार 23 अगस्त को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में सराफा कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद रखने वाले हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के कारोबारी आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग यूनिक ID (एचयूआईडी) नियम का मनमाने ढंग से पालन करवाने के कारण विरोध कर रहे हैं। आज यानि सोमवार को पूरे देश का सराफा कारोबार बंद रहने वाला है।
इनके समर्थन में छत्तीसगढ़ के कारोबारी भी अपनी दुकान बंद रखने वाले हैं। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरखमालू ने बताया कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन द्वारा एचयूआईडी के विरोध में शहर की सभी दुकानें बंद रखी जाएंगी। अनुमान लगाई जा रही है कि प्रदेश भर में दुकानें बंद होने के कारण सिर्फ एक दिन में ही लगभग 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो सकता है।
केंद्रिय मंत्री को ज्ञापन
रायपुर के कारोबारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा केंद्रीय मानक ब्यूरो प्रमुख प्रमोद तिवारी को ज्ञापन भेजा जा रहा हैं। हरख मालू ने जानकारी दी कि हॉल मार्किंग की अनिवार्यता लेने हेतु व्यापारियों को एचयूआईडी लेना बहुत जरूरी है, किंतु इसकी जटिल प्रक्रियाओं के कारण सराफा कारोबारी बहुत परेशान हो जाते हैं। व्यापारियों और कारीगरों के लिए यह नया नियम एक फासीवादी कानून है। इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए।
प्रदेश की बड़ी आबादी गांव में
मालू ने बताया कि प्रदेश की बड़ी आबादी गाँव में रहती है। इधर, नियम के अनुसार ही पूरा स्टॉक मानक ब्यूरो की वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। फिर एक एक प्रोडक्ट की डीटेलिंग होती है, फिर सभी का नंबर जारी होता है। लेकिन परेशानी की बात ये है कि अब ग्रामीण सराफा व्यापारी पोर्टल या सॉफटवेयर कैसे ऑपरेट करेगा। जबकि पहले से ही आभूषणों में हॉलमार्किंग सिस्टम चल ही रहा है। सरकार के पास गहनों का रिकॉर्ड है और गहनों की क्वालिटी पर नियंत्रण भी। अगर यूनिक आईडी का नियम आवश्यक है तो इसे मैन्यूफैक्चरर पर लागू करें वहीं से गहने आईडी के साथ बनकर आएंगे रीटेलर को परेशान क्यों करना। बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 5500 करोबारी हैं।
गहनों की यूनिक आईडी का कॉन्सेप्ट
जानकारी के अनुसार, यदि गहने चोरी हो जाते हैं या कहीं गुम जाते हैं, अगर यह नहीं गलाए गए हैं तो इनके वास्तविक मालिक की पहचान आसानी से हो सकेगी। जिस तरह देश के सभी नागरिकों की पहचान आधार कार्ड में यूआईडी के जरिए की गई है, उसी तरह से सरकार ने ज्वेलरी के हर नग की विशिष्ट पहचान (यूआईडी) अनिवार्य बना दी है।
बता दें कि इस यूआईडी में बेचने वाले ज्वेलर का कोड और ज्वेलरी की पहचान दर्ज होगा। पुलिस या कोई भी व्यक्ति जैसे ही बीआईएस द्वारा बनाए जा रहे मोबाइल एप में यह यूआईडी डालेंगे तो तुरंत यह पता चल जाएगा कि यह ज्वेलरी कब और कहां से खरीदी गई। यहां तक कि ज्वेलर के पास इस बात की जानकारी भी होगी कि इस यूआईडी की ज्वेलरी उसने किस ग्राहक के पास बेची थी।
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