छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय यानी कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को करीब दो महीनों से सैलरी नहीं मिली है।
अब इस संबंध में कर्मचारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को एक पत्र लिखा है – कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन भुगतान पिछले दो माह से नही हुआ है। जिसके संदर्भ में लगातार विश्वविद्यालय कर्मचारी द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन, विश्वविद्यालय के प्रभारी वित अधिकारी को सूचित किया जाता रहा है किन्तु आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत भी विश्वविद्यालय प्रबंधन व वित विभाग द्वारा कर्मचारियों के वेतन आहरण के संदर्भ में अब तक कोई भी सुध नहीं ली गई। है। सभी कर्मचारियों का कार्यपरिषद की 55वीं बैठक में अनुमोदन लिया गया है जिसकी कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय में अनियमित वेतन भोगी कर्मचारियों की मासिक वेतन पहले से ही न्यूनतम से भी कम है जिसकी वजह से परिवार का भरन पोषण करना काफी मुश्किल हो जाता है। अब ऐसे में दो से तीन महीने के लिए कर्मचारियों के वेतन को रोक देने के कारण उनकी पारिवारिक दैनिक स्थिति पूरी तरह से लडखड़ा जाती है।
आपको बता दें कि कर्मचारियों में से कई सदस्य ऐसे भी होते हैं जिनपर परिवार के भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में वेतन न मिलने और विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अनियमित कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक रवैया रखने की वजह से कर्मचारियों के मन में भय की स्थिति बनी हुई है। कर्मचारियों के समस्त परिवार को भी इस वजह से आर्थिक क्षति के साथ साथ मानसिक क्षति भी झेलनी पड़ती है जिससे कर्मचारी काफी ज्यादा हताश व निराश होने लगे है।
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