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ED की बड़ी कार्रवाई : छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव बीएल अग्रवाल की 27 करोड़ 86 लाख की संपत्ति अटैच

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के पूर्व प्रमुख सचिव IAS बीएल अग्रवाल के खिलाफ ईडी कार्रवाई करते हुए 27 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है। जानकारी के अनुसार अग्रवाल ने खरोरा में 400 ग्रामीणों के नाम से खाते खोल रखे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार का पैसा इन्हीं अकाउंट में जमा कराया था। बीएल अग्रवाल ने फर्जीवाड़ा करने के लिए अपने भाई के जरिए कई शेल कंपनियां भी बनाकर रखी थीं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी (Directorate of Enforcement) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव बीएल अग्रवाल (BL Agarwal) को 9 नवंबर को अरेस्ट किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस और भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है।

Ex IAS बीएल अग्रवाल ने खरोरा में 400 ग्रामीणों के नाम से खाते खोल रखे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार का पैसा इन्हीं अकाउंट में जमा कराया था। ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत यह कार्रवाई की है। जब्त संपत्तियों में कई संयंत्र, मशीनरी, करोड़ों रुपये की रकम वाले बैंक खाते और अचल संपत्तियां शामिल हैं। इनमें कई संपत्तियां बाबू लाल अग्रवाल के करीबियों के नाम खरीदी गई थीं।

ED ने छत्तीसगढ़ की एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा बीएल अग्रवाल (BL Agarwal)के खिलाफ कार्रवाई के बाद धनशोधन को लेकर मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग ने फरवरी 2010 में बाबूलाल अग्रवाल, उनके सीए सुनील अग्रवाल और कई अन्य लोगों के घर छापेमारी की थी। इस दौरान बीएल अग्रवाल की अकूत दौलत का पता चला था। इसके बाद बीएल अग्रवाल पर तीन और एफआईआर दर्ज की गईं। जबकि सीबीआई ने बाबूलाल और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

ईडी (ED) को जांच के दौरान पता चला था कि बाबूलाल ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील अग्रवाल, भाइयों अशोक और पवन के साथ मिलकर ग्रामीणों के नाम 400 से अधिक खाते खोले। दिल्ली और कोलकाता में फर्जी कंपनियां (Shell Companies) खोली गईं। ईडी 2017 में अग्रवाल की एक कंपनी की 35.49 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही अटैच कर चुकी है।

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