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चुनाव आयोग अगले साल यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव कराने में असमर्थ, जानें क्या है समस्या…

नई दिल्ली: देश में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर में अगले साल के शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है। किंतु चुनाव आयोग ने इन राज्यों में चुनाव कराने में कुछ समस्या बताई है। चुनाव आयोग को यह डर है कि वह अगले साल गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं करा पाएगा। यह इसलिए क्योंकि उसकी ईवीएम असम, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल राज्यों में हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने याचिका भी दायर की है।
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चुनाव आयोग ने छह राज्यों में फंसी ईवीएम(EVM) के दोबारा उपयोग की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। आयोग का कहना यह है कि असम, केरल, दिल्ली, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव के बाद से EVM वहीं पर ही हैं। आयोग ने यह मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट हर राज्य के हाईकोर्ट में चुनाव याचिकाओं के दाखिल होने की समय सीमा तय करे, ताकि EVM का आगे इस्तेमाल किया जा सके।
अगले हफ्ते होगी सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) का उपयोग नहीं हो पा रहा है और आयोग को आगामी चुनावों के लिए इनकी सख्त जरूरत है। इसके बाद पीठ ने आयोग का कथन सुनने के बाद कहा कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी।
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सीनियर एडवोकेट ने कहा, “हमें इन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को पहले ठीक करना होगा। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में चुनाव के मद्देनजर इस याचिका पर सुनवाई बहुत जरूरी है।” पीठ ने कहा, ‘ठीक है, हम अगले सप्ताह इस पर सुनवाई करेंगे।
कोविड की दूसरी लहर के प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 अप्रैल 2021 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव याचिकाओं समेत अन्य याचिका दायर करने के लिए वैधानिक अवधि में थोड़ी ढील दी थी। इसके परिणामस्वरूप, अभी भी कोई भी व्यक्ति निर्वाचित प्रत्याशी के चुनाव को चुनौती दे सकता है और प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग को साक्ष्य के रूप में इन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को न्यायिक कार्यवाही के मद्देनजर संरक्षित रखना होगा। यहां तक कि आयोग ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि इस वजह से हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में प्रयुक्त सारी ईवीएम और वीवीपैट अवरुद्ध हो गयी हैं और आने वाले चुनावों में इनका उपयोग नहीं किया जा सकता।

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