राजनांदगांव। जिले में सिस्टम की लापरवाही की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जिसको देखकर लोगों की रूह कांप गई। मामला जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर स्थित डोंगरगांव के ब्लॉक मुख्यालय का है। कोरोना के संक्रमण के चलते कोविड-19 सेंटर में हुई 2 लोगों की मौत के बाद शव वाहन नहीं आने पर बीएमओ ने नगर पंचायत से वाहन के लिए मदद मांगी। नगर पंचायत के अफसरों ने घर-घर कचरा इकट्ठा करने के उपयोग में आने वाले वाहन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। जिसके बाद लाश को एंबुलेंस से भेजने की बजाय नगर पंचायत में कचरा उठाने वाली गाड़ी में लाद कर मुक्तिधाम भेजा है।
कोविड सेंटर में जरवाही निवासी बुधियारीन बाई आसरा निवासी प्रेमलता और निर्मला बाई की मौत हो गई मौत के बाद शव को प्रोटोकॉल के तहत मुक्तिधाम भेजा जाना था लेकिन नगर पंचायत के अधिकारियों ने शव को कचरा उठाने वाली गाड़ी से ही मुक्ति धाम भेज दिया जो कि बेहद शर्मनाक है।
मामला सामने आने के बाद कर्मचारियों की सफाई
मामले का खुलासा होने पर सी एम ओ बी आर तिवारी का कहना है कि पहले वहां से कचरा उठाने का काम लिया जाता था लेकिन अब केवल उस वाहन से मुनादी कराई जाती है। मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत डोंगरगांव की ओर से कोविड-19 सेंटर संचालित किया जा रहा है इस सेंटर में बुधवार को 3 लोगों की मौत हो गई।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ BMO रागनी चंद्रे का कहना है कि शव उठाने की जवाबदारी नगर पंचायत को सौंपी गई थी उन्होंने किस गाड़ी का उपयोग किया इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है दूसरी ओर एंबुलेंस की उपलब्धता को लेकर भी उनका जवाब काफी गोलमोल आता रहा।