बीजापुर। छतीसगढ़ के बस्तर में एक बार फिर ग्रामीणों ने पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को फर्जी बताया है। करीब एक महीने पहले बैलाडीला की पहाड़ी के पीछे बीजापुर जिले के एक गांव में मुठभेड़ हुई थी। पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई इस मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बताया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जवानों ने पहले तो नदी किनारे जाकर पार्टी की। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग जगह खड़े होकर गांव में कुल 5 रॉकेट लॉन्चर दाग दिए। बताया गया कि इनमें 3 रॉकेट लॉन्चर मौके पर ब्लास्ट हो गए। वहीं, 2 अभी जिंदा हैं। इसके बाद गांव वालों ने दोनों रॉकेट लॉन्चर को सबूत के रूप में अपने पास रख लिया है।
दूसरी ओर बस्तर IG सुंदरराज पी का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा लगाए गए ये आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे नक्सलियों की साजिश है।
ग्रामीणों ने कहा- नदी किनारे की पार्टी
एक ग्रामीण ने जानकारी दी कि जवान कांवड़गांव की ओर से आए थे। जवानों ने उसके घर से बर्तन लिया था। इसके बाद उन्होंने नदी किनारे जाकर जमकर पार्टी की।
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में नक्सली नहीं थे। जिस बर्तन को फोर्स ने नक्सलियों का बताकर मीडिया में वायरल किया था, दरअसल वह बर्तन ग्रामीणों का था। जवानों ने उसी बर्तन में स्वयं के लिए खाना बनाया था। बताया गया कि खाना खाने के पश्चात जवान वड्डेपारा की ओर गए थे।
सोनी सोढ़ी ने कहा- कोर्ट ले जाएंगे मामला
अब इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी पुसनार गांव पहुंची। उन्होंने इलाके के ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अब वे इस मामले को लेकर कोर्ट तक जाएंगी।
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