गाजियाबाद जिले के लोनी के ट्रॉनिका सिटी की कासिम विहार कॉलोनी में गुरुवार तड़के चाकू से गोदकर फर्नीचर कारोबारी नईमुल हसन (34) और उनके बेटे उवैस (8) को मार दिया गया। हत्यारों ने पिता-पुत्र का गला भी रेता फिर पंखे के मोटर से चेहरा कुचल दिया गया। पड़ोस में रहने वाला नईमुल का भतीजा हेलमेट लेने गया तो दोनों के शव खाट पर पड़े दिखे।
सूचना पर आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी पवन कुमार और एसपी ग्रामीण ने पूरी घटनास्थल का जायजा लिया। फोरेंसिक टीम ने मौके पर साक्ष्य जुटाए। साथ ही पुलिस परिजनों व अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है। मूलरूप से संभल के गांव थाना धनारी निवासी नईमुल करीब 7 साल से कासिम विहार कॉलोनी में पत्नी साइमा और चार बच्चों के साथ रह रहे थे। नईमुल हसन पड़ोस में रहने वाले दो भाइयों ममनून और जंजरहसन के साथ रामपार्क कॉलोनी में फर्नीचर का काम करते थे।
नईमुल की पत्नी 6 दिन पहले तीन बच्चों को लेकर बिहार अपने रिश्तेदार के घर में गई हुई थी। लेकिन नईमुल बेटे उवैस के साथ घर पर रुक हुए थे। बुधवार रात दोनों एक ही कमरे में अलग-अलग खाट पर सोए थे। बृहस्पतिवार सुबह दोनों के शव खून से लथपथ कमरे में मिले।
मृतक के भाई ममनून ने बताया कि सुबह साढ़े 9 बजे उनका बेटा अरबाज नईमुल हसन के घर से हेलमेट लेने गया तो दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाकर देखा तो दोनों के शव लहूलुहान चारपाई पर पड़े थे। अरबाज ने घटना की जानकारी दी तो परिजन मौके पर पहुंचे। और चीखपुकार मच गई।
पड़ोसियों ने बताया कि नईमुल के परिवार में किसी तरह का विवाद नहीं था। नईमुल की अलीगढ़ में ससुराल है। पत्नी साइमा पहले अलीगढ़ गई और वहां से फिर बिहार रिश्तेदारी में शादी में शामिल होने गई।
पंखे की मोटर साथ लाए थे हत्यारे
जिन दो चारपाइयों पर पिता-पुत्र के शव मिले, वहां के छत का पंखा बिना पंखुड़ी के मिला था। पंखे के अंदर के पार्ट्स भी बाहर आए हुए थे। पंखे पर भी खून के निशान लगे थे, जिससे जाहिर हो रहा था कि उससे पिता-पुत्र के चेहरे कुचले गए हैं। लेकिन जिस कमरे में दोनों के शव मिले थे। वहां छत पर दो पंखे लगे हुए थे। इससे जाहिर है कि हत्यारे अपने साथ पंखा लेकर आए थे।
मृतक नईमुल के भाई ममनून हसन की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। घटना का खुलासा करने के लिए थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच समेत तीन टीमें गठित की गई हैं।
– डॉ. ईरज राजा, एसपी ग्रामीण
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