“फादर्स डे” हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है, इस बार ये खास दिन 20 जून को मनाया जा रहा है। पिता के प्रेम, त्याग और करुणा का आभार व्यक्त करने के लिए फादर्स डे मनाया जाता है। दुनिया भर में इस दिन को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इसे दिन को अलग-अलग देशों के लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं।
फादर्स डे का इतिहास
“फादर्स डे” की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। बताया जाता है पहली बार फादर्स डे 19 जून, 1909 को मनाया गया था। हलांकि ये कहीं लिखित नहीं है मगर बताया जाता है कि वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन की शुरुआत की थी।
वहीं इसके बाद साल 1916 के तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस दिन को मनाने को स्वीकृति दी थी। 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया था। मगर इसे जून के तीसरे रविवार को मनाने का फैसला 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने लिया था। वहीं 1972 में पहली बार यह दिन नियमित अवकाश के रूप में घोषित किया गया।
फादर्स डे का महत्व
पितृत्व का सम्मान करते हुए, इस दिन बच्चे अपने पिता के प्रयासों और परिवार में योगदान को स्वीकार करते हैं। अपने पिता को विशेष महसूस कराने के लिए, वो उन्हें उपहार, दिल को छू लेने वाले कार्ड, सैर-सपाटे और रात का खाना साथ खाते हैं। बच्चे जितना हो सके अपने पिता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर बच्चों का अपनी मां के साथ घनिष्ठ संबंध होता है, इसलिए ये दिन उनके पिता के साथ अज्ञात अंतर को पाटने में भी मदद करता है।
फादर्स डे की बधाई, शायराना अंदाज में दीजिए
* बेटियां बाप की आँखों में छुपे ख्वाब को पहचानती हैं, और कोई दूसरा इस ख्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं।
(इफ्तिखार आरिफ)
* हमें पढ़ाओ न रिश्तों की कोई और किताब, पढ़ी है बाप के चेहरे की झुर्रियां हम ने।
(मेराज फैजाबादी)
* देर से आने पर वो खफा था आखिर मान गया, आज मैं अपने बाप से मिलने कब्रिस्तान गया।
(अफजल खान)
* अज़ीज-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जां से, ये बात सच है मेरा बाप कम नहीं मां से।
(ताहिर शहीर)
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