राज्यसभा में कई दिनों तक हुए हंगामे की जंग अब सड़को पर आ गई है। वहीं एक तरफ विपक्षी दलों ने मार्च निकाला कर प्रदर्शन कर रहे तो दूसरी ओर केंद्र सरकार के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये विपक्ष पर अपना निशाना साधा है। राज्यसभा के नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि हम बेहद दुःख के साथ यहां आए हैं।
गोयल ने कहा कि कुछ सांसदों ने द्वारा मंत्री के हाथों से जब पर्चे छीन लिए और उन्हें सस्पेंड किया गया तो हमारा कहना था कि आप माफ़ी मांग लो। इस पर भी उन्होंने माफ़ी से इनकार कर दिया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश की जनता चाहती है कि उनसे जुड़े मुद्दों को संसद में उठाया जाए। जबकि विपक्ष अराजकता पर उतारू रहा। विपक्ष को इस समय घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
गोयल ने कहा- ‘विपक्ष के सांसदों ने बेंचों पर खड़े होकर हंगामा किया। इतना ही नहीं एक सांसद ने तो रूल बुक को ही चेयर पर फेंक दिया था। उस समय यदि चेयर पर कोई होता तो कुछ भी घटना हो सकता था। नीचे में जो सेक्रेटरी जनरल बैठते हैं, उनको भी लग सकती थी। जिससे न सिर्फ कोई घायल होता बल्कि कुछ भी बड़ी घटना हो सकता था। यह एक तरह का हमला था।
उन्होंने बताया कि 6 सांसद शीशा को तोड़कर जबरदस्ती सदन में घुसे थे। गोयल ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने एक महिला पर भी हमला कर दिया। जिसे देखते हुए हम पूरे विपक्ष की निंदा करते हैं। उनकी मंशा सदन की गरिमा गिराने की और सदन को चलने में बाधा उतपन्न करना था। अब विपक्ष ड्रामा कर रहा है और जबरन ही प्रदर्शन कर रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमने जब 9 तारीख को हुए हंगामे और उपद्रव पर चिंता जाहिर की तो उन्होंने कहा कि अब इससे भी बड़ा कुछ होगा।
संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष का बर्ताव कुछ सही नहीं था। वे संसद को चलने ही नहीं देना चाहते थे। इस बात को जाहिर टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने कर ही दिया। इससे सत्र पूरी तरह से धुल गया। जोशी ने बताया कि विपक्ष की ओर से नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं कराने दिया गया। हमारी ओर से विपक्ष से कई बार निवेदन किया गया, लेकिन वे माने ही नहीं । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह से उपद्रव करने के बाद भी उन्हें अच्छा लग रहा है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के सांसदों ने कांच तोड़ने की भी कोशिश की। इससे पता चलता है कि आखिर उनकी मंशा क्या है। हम चेयरमैन से उपद्रव करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हैं। जोशी ने कहा कि हम विपक्ष की बात को सुनने के लिए तैयार रहे हैं और सोमवार तक सदन चलाने को भी तत्पर थे। लेकिन उनके बर्ताव के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी माफी की मांग की।