रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर हंगामा मचा हुआ है। अब इस हंगामे के बीच राज्यपाल अनुसूईया उइके ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखा है। जिसमें लिखा है कि जबरन धर्मांतरण की शिकायतों पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस मामले में शासन और मुख्यमंत्री को उचित कदम उठाने की बात कही है। जबरन धर्मांतरण को राज्यपाल ने कानूनन अपराध कहा है।
राज्यपाल ने कहा, धर्मांतरण पर पहले ही कानून बनाया गया है। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी का भी जबरन धर्मांतरण नहीं कराया जा सकता। यह कानूनन अपराध है। यदि इस तरह की कोई भी शिकायत आती है, कोई जबरदस्ती, प्रलोभन या लालच देकर धर्मांतरण करवा रहा है तो निश्चित तौर से उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। बहुत बार से लोगों द्वारा मुझे ज्ञापन मिले हैं। सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मुझसे मिले और कार्रवाई की मांग की। मैंने प्रशासन-शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। ऐसे तत्व जिनकी हमें सबूत के साथ शिकायत मिलती है, उन पर उचित कदम उठाएं।
पिछले कुछ महीनों से राज्य में जबरन धर्मांतरण को लेकर हंगामा मचा हुआ है। दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया है कि ईसाई मिशनरी राज्य के आदिवासी क्षेत्रों समेत शहरों में भी बड़े पैमाने पर लोभ-लालच से धर्मांतरण करा रही हैं। जिसकी वजह से स्थानीय धर्म-संस्कृति पर खतरा मंडरा रहा है। हर रविवार को प्रार्थना सभा और धर्मांतरण के आरोपों को लेकर किसी न किसी जिले में मारपीट अथवा तनाव होता ही है।
जून-जुलाई 2021 से ही भारतीय जनता पार्टी ने धर्मांतरण का मुद्दा छेड़ा हुआ है। इसके खिलाफ पार्टी ने आंदोलन किया। ईसाई धर्म प्रचारकों की भीड़ ने रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में पिटाई कर दी। पुलिस ने इस मामले में भाजयुमो के कई कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया है। उनकी रिहाई और धर्मांतरण को मुद्दा बनाकर भाजपा ने रायपुर में दर्जनों प्रदर्शन किए हैं। इस बीच ऐसे लोगों की भी घर वापसी का अभियान चल रहा है, जो ईसाई बन चुके हैं।