रायपुर @ सूचि . गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुवर की आरती करनी चाहिए। माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आपको पीपल के जड़ में आज के दिन मीठा जल अर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन के आर्थिक संकट खत्म हो जाते हैं।
कैसे करें पूजन
गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान करना चाहिए फिर अपने गुरु की पूजन सामग्री जैसे फूल-माला, तांबुल, जनेउ, श्रीफल, रोली-मोली, पंचवस्त्र और सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा लेकर अपने गुरु के चरणों को धोकर उनकी पूजा करें। उन्हें अपने अनुसार फल फूल,मिष्ठान या धन देकर उन्हें सम्मानित करें।
इस बार की गुरु पूर्णिमा खास
इस बार की गुरु पूर्णिमा ज़रा खास है क्योंकि इस बार गुरु पूर्णिमा पर शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। आज गुरु पूर्णिमा के दिन शनि पूजा का विशेष योग बन रहा है इसलिए साढ़े साती झेल रहीं या धनु, मकर, कुंभ और ढैय्या से प्रभावित तुला और मिथुन राशि वाले लोगों को शनिदेव की इस पूजा में अवश्य शामिल होना चाहिये।
दान,जप और तप का विशेष महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए और सत्यनारायण कथा का पाठ और श्रवण करना चाहिए।आज के दिन किया गया दान,तप और जप व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व रखता है।
जानिए पूजा की विधि
इस दिन प्रभात में उठकर,नदी में जाकर स्नान ध्यान करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रभु विष्णु के वैदिक मंत्र का जाप और सहस्त्रनाम का पाठ हमारी मनोकामना पूर्ण करने में सहायक होता है।
इस दिन दान अवश्य करें,ऐसा करने से मानसिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है।
हो सके तो इस दिन खीर का भोग करें।
पूजा की सामग्री में शामिल करें ये
पूजन सामग्री में पान का पत्ता,पानी काला नारियल,पुष्प,इलायची,लौंग, कर्पूर,मोदक इत्यादि शामिल करें।
व्यास पूर्णिमा
आषाढ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।चूँकि, इस दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
पूर्णिमा के दिन न करें ये काम
पूर्णिमा के दिन अपने घर को साफ सुथरा तथा स्वच्छ रखें।गंदगी न फैलाएं।
सभी के साथ घुल-मिलकर रहें,किसी से लड़ाई झगड़ा न करें।
किसी बड़े का अपमान न करें खासकर किसी बुजुर्ग या स्त्री का सम्मान करें।
मांस मदिरा जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें।
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