मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में एक पिता द्वारा अपनी बेटी को चंद रुपयों के लिए राजस्थान के कुछ मानव तस्करों के हाथों बेच देने का मामला सामने आया है। तस्कर उसे छत्तीसगढ़ से राजस्थान लेकर जा रहे थे। सूचना मिलने पर अनूपपूर पुलिस ने मानव तस्करों सहित पिता को धर दबोचा और मासूम को तस्करों के चंगुल से मुक्त करा लिया।
जानकारी के मुताबिक, अनूपपुर एसपी अखिल पटेल को छतीसगढ़ से राजस्थान एक नाबालिग की तस्करी की सूचना मिली, जिसके आधार पर एसपी ने एक टीम गठित किया। फिर जिले के कोतवाली अंतर्गत ननका ढाबा ग्राम पसला पहुंच कर ढाबा संचालक से पूछताछ की। पूछताछ में यह पता लगा कि बालिका रीना उम्र 14 वर्ष (परिवर्तित नाम) को कुछ लोगों द्वारा शादी का प्रलोभन दिया गया है।
पुलिस की विशेष टीम ने क्षेत्र की घेराबंदी की और कैलाश चन्द्र सैनी, नौरुनलाल, राजेन्द्र सैनी निवासी ग्राम बबई झुंझुंनू राजस्थान एवं विष्णु करण निवासी ग्राम इन्दगढ़ जिला दतिया को हिरासत में ले लिया। उनसे पूछताछ के दौरान यह बात पता चली कि शादी के नाम पर लड़की का 2.5 लाख रुपये में सौदा किया गया था, जिसे लेकर वो झुंझुनू राजस्थान की ओर जा रहे थे।
पीड़िता रीना (परिवर्तित नाम) के सौदे में उसके पिता सतीश सारथी की भी आपराधिक भूमिका थी। उसी ने पैसों के बदले अपनी बेटी का सौदा किया था। इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के पास से सौदेबाजी के 98 हजार रुपये भी जब्त किए गए है।
एसपी अखिल पटेल ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में 10 आरोपी बनाये गये हैं, जिसमें से 5 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, बाकी बचे 5 आरोपियों के लिए विशेष टीम गठित कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। फरार हुए आरोपियों पर 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
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