छत्तीसगढ़

जान जोखिम में डालकर स्वाथ्य विभाग कर रहे है ड्यूटी, वेतन काटने के फरमान को लेकर हुए नाराज

गरियाबंद। वर्तमान में चल रहे कोरोना संक्रमण के दौर में सबसे महत्वपूर्ण कार्यो का सम्पादन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग की द्वारा किया जा रहा है|जो अपने स्वास्थ्य अपने परिवार और समय का ध्यान रखे बिना ही जान जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे है ।

वही आर एच ओ संघ के कुछ सदस्यों द्वारा अपनी ड्यूटी करते हुए अपनी जान भी गवानी पड़ी हैं उसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो वर्षों से मांग किये जा रहे है उसे राज्य शासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है| इस बात से नाराज जमीनी स्तर से जुड़कर कार्य करने वाले आर एच ओ संघ के द्वारा रोष व्यक्त किया गया है साथ ही अपनी लंबित मांगो को जल्दी पूरा करने का राज्य शासन से निवेदन किया गया है ।

वही स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संभागीय सचिव खिलेन्द्र साहू ,जिला अध्यक्ष डी के पाटौदी , महिला जिला अध्यक्ष एस तिवारी , जिला सचिव शिवेंद्र देवांगन , ब्लाक अध्यक्ष प्रशान्त साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोरोना काल के ऐसे परिस्थिति में हम जनता की सेवा को अपना फर्ज समझ रहे है ,इसे ध्यान में रखते हुए हम कोरोना टीकाकरण के साथ कोरोना जांच, मरीजो को आइसोलेशन के साथ-साथ अन्य कार्य कर रहे है ,लेकिन इन सब के बीच हमारा भी परिवार है, हमारी भी स्वाथ्य है… जिसकी किसी को परवाह नही है।

जिला अस्पताल में कोरोना टीकाकरण कार्य हमारे साथियों के द्वारा लगातार संचालित किया जा रहा है जो न्यायसंगत नही है। देखा गया है कि एक ही कर्मचारी की ड्यूटी लगातार लगाया जा रहा है जो सर्वथा अनुचित है| हम ड्यूटी करेंगे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो को चाहिए कि वे आर एच ओ कर्मचारियो का रोटेशन ड्यूटी लगाए ताकि कार्य मे लगे साथियों से भी कार्य कराया जा सके वही अन्य कर्मचारियो को आराम भी मिल सके।

इससे रोटेशन में ड्यूटी से संक्रमन का भय कम होगा और बार बार कीटाकरण केंद्र में जाने से संक्रमन होने का ज्यादा आशंका बना रहता है। स्वाथ्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर अपना फर्ज निभा रहे है ,ऐसे में हम संघ की ओर से मांग करते है कि स्वास्थ कर्मचारी इस विपरीत परिस्थिति में कार्य कर रहे है उन्हें कोरोना होने पर उनका इलाज के लिए पृथक से ब्यवस्था किया जाए और 50 लाख के बीमा कराया जाए।

वही संघ के सदस्यों के द्वारा विज्ञप्ति के माध्यम से कहा गया कि इस विषम परिस्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करने वाले कर्मचारियो को कोई इनाम आज तक राज्य शासन या विभाग द्वारा नही दिया गया और उपर से राज्य शासन के द्वारा एक दिन के वेतन कटौती किये जाने लका निर्देश जारी किया गया है ,जो सर्वथा अनुचित है ,अगर वेतन कटौती किया गया तो वे उग्र आंदोलन में जाने को मजबूर होने की बात कही ।

कोरोना टीकाकरण कार्य मे लगे ग्रामीण क्षेत्र के आर एच ओ साथियों से जिला अस्पताल में भी कार्य लिया जा रहा गई वही ग्रामीण क्षेत्रो के राष्टीय कार्यक्रमो के लिए उन्हें दबाव बनाया जाएगा , जिसके चलते उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । जिसे कम किया जाने की मांग किया गया है । साथ ही ऐसे परिस्थितियों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा राज्य शासन से अपनी पुराने लंबित मांगो को पूरा करने की मांग किया गया।

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