टमाटर का रेट सुनकर गायब हुये मुखिया ..?
रायपुर(विक्रम प्रधान) किसी ने सही ही कहा है कि नक़ल के लिए भी अक़्ल की ज़रूरत होती है । घोटाले तो बहुत से होते हैं पर छत्तीसगढ़ के इतिहास में जो घोटाला हुआ है, वह अपने आप में छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार और अधिकारियों का स्तर बताती है ।जी हाँ हम कर रहे सब्ज़ी टमाटर की । हॉल ही प्रदेश मे चर्चा का विषय है टमाटर घोटाला ।जानकारीयों के मुताबिक़ ५८०/- रूपये किलो की दर से ख़रीदी गई टमाटर की ऐसी क्या क्वालिटी है पूछने से बड़े बड़े अधिकारी मुँह छिपाये घुम रहे है , यह मामला छत्तीसगढ़ के ही एक जिले के क्वाराइंन सेंटर मे खाने के लिये सब्ज़ी में टमाटर ख़रीदी को लेकर सामने आया है! मामले की भनक लगते ही आला अफ़सर विभागीय अधिकारी चुप्पी साध कर बैठे है , एक तरफ़ कोरोना की मार झेल रही प्रदेश, और दूसरी तरफ़ नेताओं को जनता के ऊपर रति भर दया-मया नहीं है, इलाज के नाम पर ढोंग तो पहले से ही चल रहा है, अब इन्होंने सब्ज़ी को भी नहीं बक्शा, सवालों के घेरे से बचने के लिये स्वंय मुख्यमंत्री जी भी ४ दिन के लिये अपने आप को आइसोलेट कर चुके है, इतने निम्न स्तर का घोटाला हुआ है कि बताने में भी शर्म आ जाए, जी हाँ सब्ज़ी में घोटाला हुआ है,जिससे साफ़ इस बात की पुष्टी होती है की सरकार अपने स्वार्थ के लिये कंहां तक जा सकती है ।