जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के माओवादियों ने तेलंगाना में नक्सली हिड़मा माड़वी के सरेंडर की खबर के बाद अब अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी किया।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना पुलिस DKSZC मेंबर हिड़मा के सरेंडर की झूठी कहानी रच रही है। अभी हिड़मा अपने कामकाज में लगे हुए हैं। वे पुलिस और सरकार के मनो वैज्ञानिक युद्ध का जवाब देंगे।
आगे विकल्प ने कहा कि केंद्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की जनविरोधी सरकार क्रांतिकारी आंदोलन के खिलाफ जारी दमन योजना ‘समाधान’ के साथ मनो वैज्ञानिक युद्ध के अंतर्गत झूठे प्रचार-प्रसार समेत वास्तविकताओं को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है।
इसी प्रकार पुलिस ने किसी माड़वी हिड़मा को पकड़कर सरेंडर करवा दिया और अब शीर्ष और कट्टर 25 लाख रुपए के इनामी माओवादी हिड़मा के होने की कहानी बना रही है। लेकिन हिड़मा अब भी संगठन में ही मौजूद है।
विकल्प ने कहा कि हमारे कैडर और क्रांतिकारी जनता ऐसे झूठे प्रचार के चंगुल में नहीं आते हैं, मगर संघर्षरत इलाकों से दूर रहने वाली उत्पीड़न जनता, जनपक्षधर और हमारे हमदर्दों को भटकाने के लिए ऐसा झूठा प्रचार किया जा रहा है।
फिर विकल्प ने कहा कि बटालियन कमांडर DKSZC हिड़मा दंडकारण्य के गोरिल्ला बेसों में आम जनता के बीच अपना काम कर रहे हैं।
जानिए क्या था पूरा मामला
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में एक नक्सली द्वारा हथियार के साथ सरेंडर किया गया है। सरेंडर करने वाले नक्सली का नाम माड़वी हिड़मा है। नक्सली हिड़मा के सरेंडर के बाद अब छत्तीसगढ़ और तेलंगाना इन दोनों राज्यों की पुलिस के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है। यह इसलिए क्योंकि तेलंगाना पुलिस ने 5 राज्यों की पुलिस द्वारा तलाशे जा रहे नक्सली करार दिया है।
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