Hijab Controvercy: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद ने पूरे देश में राजनीतिक कोहराम मचा दिया है। इस बीच कानून के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में समान ड्रेस कोड की मांग की है। यह याचिका दायर करने वाले कानून के छात्र कोई और नहीं बल्कि शीर्ष अदालत के वकील अश्विनी उपाध्याय के 18 वर्षीय बेटे निखिल उपाध्याय हैं।
याचिकाकर्ता निखिल उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि देश में समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए एक समान ड्रेस कोड बेहद जरूरी है। जातिवाद, सांप्रदायिकता और अलगाववाद से निपटने का एकमात्र तरीका कॉमन ड्रेस कोड है। इसके साथ ही निखिल उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए केंद्र सरकार को मामले को सुलझाने के लिए न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की है।
कोर्ट में हिजाब का मुद्दा उठाते हुए निखिल उपाध्याय ने याचिका में नागा साधुओं का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कभी कोई नागा साधु कॉलेज में दाखिला लेकर अपनी धार्मिक परंपराओं का हवाला देकर बिना कपड़ों के कॉलेज पहुंच जाए तो क्या होगा। याचिका में कहा गया है कि स्कूल और कॉलेज राष्ट्र निर्माण, रोजगार, ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने के लिए हैं न कि धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए। निखिल ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र और राज्यों को सभी शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड लागू करने का निर्देश देने की भी अपील की है।
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