नई दिल्ली| दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने परिवार की मर्जी से जबरन विवाह करने वाली एक लेस्बियन युवती को राहत प्रदान कर दी। अदालत ने पुलिस को उसे पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं अदालत ने युवती के पति को तलाक की प्रक्रिया शुरु करने को कहा है।
इसके अलावा अदालत ने मामले में दिल्ली सरकार और युवती के परिवारिक सदस्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युवती ने अदालत को बताया कि वह लेस्बियन है और उसके परिवार के सदस्य इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
याची ने कहा कि उसने लोकप्रिय आमिर खान श्रृंखला सत्यमेव जयते का एक एपिसोड भी भेजा जिसका शीर्षक था वैकल्पिक कामुकता। बावजूद इसके उसके परिवार के सदस्य उसकी स्थिति को समझने को तैयार नहीं हैं।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि किसी भी बालिग महिला को उसकी इच्छा के बिना जबरन अपने ससुराल या अभिभावक के घर रहने के लिए नहीं कहा जा सकता। अदालत ने लाजपत नगर थाना पुलिस को युवती के बताए गए आवास पर उसकी सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
अदालत ने युवती के पति से भी बात की और उन्हें निर्देश दिया कि वह युवती से विवाह विच्छेद करने की प्रक्रिया शुरू करे। पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड निवासी 23 वर्षीय युवती की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किला के परिवार के सदस्यों ने 12 अक्तूबर 2019 को जबरन उसका विवाह करवा दिया।
विवाह के दिन ही उनकी मुवक्किला ने अपने पति को स्पष्ट कर दिया कि वह लेस्बियन है और उसकी इच्छा के खिलाफ विवाह हुआ है। इसके बावजूद पति उसे छोड़ने को तैयार नहीं है, बल्कि उसका कहना है कि वह ठीक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष बीतने के बावजूद उनके बीच कोई वैवाहिक संबंध नहीं बने और उनकी मुवक्किला के आग्रह के बावजूद उसे तलाक नहीं दिया जा रहा। आखिर तंग आकर वह अपने ससुराल से सात मार्च 2021 को भाग गई और एनजीओ अन्हद की शरण ली।
इसके बाद उसे अस्थाई तौर पर सुरक्षा प्रदान की गई लेकिन वहां भी युवती के परिवार के सदस्य पहुंच गए और एनजीओं को युवती को उनके हवाले करने को कहा।
उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि एनजीओ को प्रताड़ित युवती की सहायता करने व युवती को कहीं भी दूसरी जगह सुरक्षित रहने की इजाजत प्रदान की जाए। इसके अलावा उसे ससुराल व अभिभावक पक्ष से खतरे को देखते हुए पुलिस को उसे सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया जाए।