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नहीं मिले ऑक्सीजन तो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बचा सकता है आपकी जान !

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का भयानक दृश्य सामने देखने को मिल रहा है।जो शायद इस देश ने पहले कभी न देखा यहाँ लोगों को अपनी सांस के लिए जंग लड़ना पड़ रहा है, आम आदमी से लेकर खास तक सब इस महामारी में बेबस और दंग हैं। लगातार ऑक्सीजन की कमी लोगों पर भारी पड़ती जा रही है। हालात तो ये हैं कि लोग अपनों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के पीछे भाग रहे हैं.

इस महामारी के बीच एक और सहारा है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, जिसका इस महामारी में खूब उपयोग हो रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर काफी फायदेमंद है।

क्या है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर?

आप को बता दें की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक मेडिकल ऑक्सीजन डिवाइस है, जो आस-पास में मौजूद हवा को इकट्ठा करता है और उस हवा से ऑक्सीजन को अलग करने का काम करता है।दरअसल हमारे आस-पास वातावरण में मौजूद हवा में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और बाकी 1 % दूसरी गैस है।ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इन्ही हवाओ को इक्कठा करके उसे एक छननी के माध्यम से फिल्टर करता है और आस पास की ऑक्सीजन को इकट्ठा कर उसमें घुली नाइट्रोजन और दूसरी गैस को फ़िल्टर कर देता है. फिर ऑक्सीजन कम्प्रेस्ड होकर एक नली के जरिए 90-95% शुद्ध ऑक्सीजन तैयार होकर वितरित हो जाती है।ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में लगा प्रेशर वॉल्व ऑक्सीजन के वितरण को नियंत्रित करता है और इस तरह प्रति मिनट 1-10 लीटर ऑक्सीजन फ़िल्टर कर वितरित करता रहता है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से संक्रमितों को कितना लाभ

विशेषज्ञों का कहना हैं कि अगर कोई कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं तो उसे ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक अच्छा विकल्प हो सकता है और संक्रमित इसका उपयोग कर सकते हैं।ये 1 मिनट में 5 से 10 लीटर तक ऑक्सीजन सप्लाई करता है।सबसे खास यह है की बिजली न होने पर इसे इनवर्टर की मदद से भी चलाया जा सकता है।

कौन से मरीजों पर पर करता है असर?

बताया जाता है की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ऑक्सीजन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की तरह 99% शुद्ध तो नहीं होती है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये उन मरीजों के लिए लाभदायक है, जिनका ऑक्सीजन लेवल 85 या उसके ऊपर हो।सिलेंडर ऑक्सीजन की तुलना में
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक सरल उपाय हो सकता है, लेकिन ये एक मिनट में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन ही दे पाएगा।जबकि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को 1 मिनट में 40 से 50 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।इसलिए अभी इसे कम लक्षण वाले मरीजों के लिए कारगर साबित है।

WHO की रिपोर्ट ने क्या कहा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन(who) 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का निर्माण इसलिए किया गया था, ताकि इसकी मदद से किसी भी अस्पताल में भर्ती मरीजों को निरंतर ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहे। ये हफ्ते के सातों दिन, चौबीसों घंटे और करीब पांच साल तक लहतर ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है।

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