छत्तीसगढ़

विधानसभा में भाजपा विधायकों ने सरकार के घोषणा-पत्र को लेकर उठाए सवाल, मितानिनों की प्रोत्साहन राशि और नर्सों की भर्ती को लेकर हुआ हंगामा

Chhattisgarh assembly budget session:
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र जारी है। इस बीच बुधवार को विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर बहस हुई। भाजपा विधायकों ने सरकार को चुनावी घोषणा-पत्र को लेकर सवाल किया। इस दौरान मितानिनों की प्रोत्साहन राशि ओर नर्सों की भर्ती के सवाल पर काफी हंगामा मच गया। इससे भाजपा विधायक नाराज होकर सदन से वॉकआउट कर गए।
प्रश्नकाल शुरू होने के बाद भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन घोषणापत्र में मितानिनों के संबंध में क्या घोषणाएं की थीं। उसमें से कितनी पूरी हुई हैं?
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चूंकि स्वास्थ्य मंत्री अनुपस्थित थे इस वजह से जवाब दे रहे वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि मितानिनों को कमीशन के अलावा पांच हजार रुपया महीना मानदेय की घोषणा की गई थी। पांच हजार नए मितानिनों की भर्ती की जाने की बात की गई थी। सरकार की तरफ से मानदेय के विषय में कोई बात नहीं आई। नई भर्ती के संबंध में बताया गया कि 1362 मितानिनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें से 1199 की भर्ती की गई है।
इसके बाद भाजपा विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने पूछा कि कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 6 महीनों तक प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया था, यहां मितानिनों को यह राशि आखिर क्यों नहीं दी जा रही है?
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इस सवाल पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि मितानीनों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, अब तक तीन महीनों का भुगतान किया जा चुका है। फिर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने स्टाफ नर्सों की भर्ती को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि यह प्रक्रिया जल्दी ही पूरी की जाएगी।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि घोषणा-पत्र में यूनिवर्सल हेल्थ केयर की बात की थी, वह लागू हो गई क्या? मोहम्मद अकबर ने इसके जवाब में कहा कि इसमें कई काम पूरे हो गए हैं, कुछ हो रहे हैं। फ़िर विपक्ष ने इसे लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने सरकार पर घोषणापत्र को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
वन मंत्री का कहना था कि घोषणा-पत्र के वादों का यह अर्थ नहीं कि सब कुछ एक झटके से कर दिया जाए। सरकार इसे लेकर कटिबद्ध है और इसे पूरा किया जाएगा। लेकिन भाजपा विधायकों ने नहीं मानी। वे सदन से बहिर्गमन कर गए।

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