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अफसर की मीटिंग में खुली गोधन न्याय योजना की पोल, 14 जिलों में हालात बत से बत्तर
@AdityaTripathi प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर समेत प्रदेश के 14 जिलों में गोधन न्याय योजना का बुरा हाल है। इसका खुलासा 10 अगस्त को अपर मुख्य सचिव की वर्चुल बैठक में हुआ। सभी जिलों के गौठानों में गोबर खरीदी, कंपोस्ट में कंवर्जन, अवर्ती चराई गौठान,चारागहा और पौधरोपण की स्थिति दयनीय है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण व जैव प्रोद्यौगिकी विभाग के संयुक्त सचिव के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव सुब्रत कर ने 10 अगस्त को प्रदेश के बिलासपुर गरियाबंद, बलौदाबाजार, रायपुर,कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग,राजनांदगांव, कोरबा, जांजगीर चांपा,मुंगेली, सरगुजा, नारायणपुर, सुकमा में गौधन न्याय योजना की समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान सभी 14 जिलों में योजना की प्रगति अपेक्षानुसार नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी। सभी जिलों में गोबर खरीदी में कभी, खरीदे गए गोबर का कम्पोस्ट में कन्वर्जन, आवर्ती चराई गौठान, चारागाह स्थापना और गौठानों में पौधा रोपण नहीं के बराबर था। सभी जिलों के प्रभारियों को अपर मुख्य सचिव ने व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए।
रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव एवं बिलासपुर जिले को विशेष हिदायत
समीक्षा के बाद रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव ओर बिलासपुर जिले को विशेष हिदायत दी गई, जिसमें हब स्पोक मॉडल को अपनाते हुए गोबर के कम्पोस्ट में कन्वर्जन करने के लिए डेयरी, गौशालाओं एवं गोठानी की मेविंग करने के निर्देश दिए। कम्पोस्ट के साथ-साथ गोबर अन्य उत्पाद कण्डा, अगरबत्ती, गौकारट, गमला, मूर्ति आदि तैयार करने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्र में रोड में मयेशियों के एकत्रिकरण को रोकने के लिए शाम व रात के समय मवेशी पकड़ों दस्ता को सक्रिय करने नगर निगम आयुक्तों को निर्देश दिए गए।
पौधरोपण, गोबर खरीदी और चारारोपण करें
बैठक में अपर सचिव ने बिलासपुर जिले के गौठानों में गोबर खरीदी अपेक्षाकृत कम होने पर नाराजगी जाहिर की। सचिव ने वर्तमान में गोबर की खरीदी बढ़ाने, गौठानवार समीक्षा कर काम में प्रगति लाने, संचालित सभी गौठानों में चारा रोपण, पौधरोपण ओर फलदार पौधों को रोपने के निर्देश दिए गए। साथ ही इन सभी कामों को बारिश के मौसम में पूरा करने की हिदायत दी गई।
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सचिव ने सभी14 जिलों को दी हिदायत
1 . गौठान समितियां और स्वसहायता समूहों को सात दिनों के भीतर लाभांश का भगतान किया जाएगा।
2 .शहरी गौठानों में खरीदे गए गोबर का कम्पोस्ट में कन्वर्जन की समीक्षा की जाएगी।
3 . आवर्ती चराई गौठानों में एेसे घास का रोपण किया जाए , जिसमें सिंचाई की जरूरत न हो।
4. आगामी ५ दिनों में संचालित सभी गौठानों में चारागाह विकास का काम पूरा किया जाएगा।
5. गोठान स्थापना होने के डेढ़ साल के भीतर गौठान स्वावलंगी हो जाने चाहिए। कम्पोस्ट उत्पादन के अलावा अन्य स्त्रोतो से आय में बढ़ोतरी की जाएगी और गौठानवार बैलेंस शीट बनाई जाएगी।
6 . गौठानों में जरूरत के अनुसार डीएमएफ से निर्माण कार्य स्वीकृत होंगे। मल्टी एक्टीविटी सेन्टर के शेड निर्धारित डिजाइन को तहत पक्के बनाए जाएंगे। पैकिंग के लिए शेड स्थानीय समितियों से बनावाए जाएंगे।