हिन्दू धर्म में सावन का महीना बहुत खास महत्व रखता है, यह माह पूर्ण रूप से भगवान शिव और माता पार्वती जी को समर्पित है। इस माह अगर शिव भक्त बड़ी ही लगन के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं तो भोलेनाथ जल्द ही अपने भक्त से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं और जीवन में चली रही सारी परेशानियों का अंत करते है। कुंवारी लड़कियां अगर अच्छा जीवन साथी चाहती हैं तो वह भी सावन के हर सोमवार व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ से कामना कर सकती है। वहीं सुहागिन महिलाएं मंगली गौरी, शिवरात्रि और हरियाली तीज का व्रत रखती हैं।
शाम के समय प्रसाद खाने के बाद सात्विक भोजन करती हैं। अगर आप चाहती हैं कि इस सावन के माह आपके द्वारा की जाने वाली पूजा फलदायी हो तो आपको कुछ कार्य ऐसे हैं, जो कतई नहीं करना चाहिए। महिलाओं को सावन के महीने में वे कौन से कार्य हैं जो बिलकुल भी नहीं करना चाहिए…
* सावन के महीने में किसी भी महिला को देर तक नहीं सोना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए, और भगवान शिव की आराधना करना चाहिए।
* सावन के महीने में काले वस्त्र धारण करना शुभ नहीं माना जाता है। इस महीने में महिलाओं को हरे रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
* शास्त्रों में विशेषतौर पर कहा गया है कि महिलाएं मासिक धर्म के समय शिवलिंक की पूजा कतई न करें और न ही उन्हें छुएं। इस समय आप अपने स्वास्थ्य और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
* सावन माह में शिव जी की पूजा अर्चना के समय तुलसी, हल्दी और केतकी के फूल से पूजा नहीं करें। इस दौरान आप भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं।
* इस पूरे महीने सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। भूल से भी अपने घर में मास मदिरा को न आने दें।
* सावन माह में व्रत और पूजा के दिन बैंगन और मूली का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पत्तेदार साग-सब्जी का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है।
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