Independence Day 2025: 15 अगस्त पर तिरंगा फहराते समय इन बातों का रखें ख्याल, वरना हो सकती है जेल
Independence Day 2025: क्या आप भी स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम का हिस्सा लेने वाले हैं? तो आपको झंडा फहराने के इन नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए.

Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान का पर्व होता है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों की 200 वर्षों की गुलामी से आजादी पाई थी। तब से हर साल पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस उत्साह, श्रद्धा और राष्ट्रीय गौरव के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, संस्थान, सरकारी कार्यालयों से लेकर सोसायटियों तक में तिरंगा फहराया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगा फहराने के भी कुछ निर्धारित नियम होते हैं? इनका पालन न करने पर आपको जेल तक हो सकती है।
तिरंगे को लेकर कानून क्या कहता है?
भारत सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) के तहत तिरंगे के उपयोग, फहराने और सम्मान को लेकर स्पष्ट नियम बनाए हैं। इन नियमों का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के तहत अपराध माना जाता है।
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर तिरंगे का अपमान करता है, उसे नुकसान पहुंचाता है या गलत ढंग से उपयोग करता है, तो उसके खिलाफ 3 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
तिरंगा फहराने के जरूरी नियम
1. तिरंगे में रंगों की सही क्रमबद्धता:
* सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग होना चाहिए।
* सफेद पट्टी के बीच में गहरा नीला अशोक चक्र हो जिसमें 24 तीलियां हों।
2. झंडे की स्थिति और स्थिति का ध्यान रखें:
* झंडा भीगा, फटा या गंदा नहीं होना चाहिए।
* यह धरती पर नहीं गिरना चाहिए और किसी वस्तु से स्पर्श नहीं करना चाहिए।
3. आकार और अनुपात:
* झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए।
* लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
4. अन्य झंडों से ऊंचा तिरंगा:
* किसी भी समारोह या आयोजन में तिरंगा सभी झंडों से ऊंचा रहना चाहिए।
5. झंडे पर कुछ भी न लिखें:
* तिरंगे पर कोई लेख, चित्र या प्रतीक नहीं बनाया जा सकता है।
6. झंडे को जला या फेंक नहीं सकते:
* तिरंगे का अपमान, जलाना, फेंकना या सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है।
7. झंडे को कितने समय तक फहराया जा सकता है?
* अब तिरंगा 24 घंटे फहराया जा सकता है, लेकिन उचित रोशनी होनी चाहिए।
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर जानें
15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा रस्सी से खींचकर फहराते हैं, तो उसे ध्वजारोहण कहा जाता है — यह नई आज़ादी के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
वहीं 26 जनवरी को झंडा पहले से ही ऊपर बंधा होता है, जिसे खोलकर दिखाया जाता है। इसे झंडा फहराना कहते हैं।
सावधानी जरूरी है
इस 15 अगस्त पर यदि आप झंडा फहराने या किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, तो तिरंगे के सम्मान को सर्वोपरि रखें। नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।