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Independence day: ‘नारी का अपमान स्वीकार नहीं…’, देश को संबोधित करते हुए झलका PM मोदी दर्द

Independence day: स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को निरंतर नौंवी बार लाल किले से देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) भावुक दिखा दिए तथा एक सख्त संदेश दिया। प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि हम लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में महिलाओं का अपमान करते हैं, जो स्वीकार नहीं है। Independence day

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं लाल किले से अपनी एक पीड़ा से बताना चाहता हूं। मैं इसे कहे बिना नहीं रह सकता। शायद ये लालकिले का विषय नहीं हो सकता। किन्तु मेरे अंदर का दर्द मैं कहां कहूं। देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा और वो है कि किसी ना किसी वजह से हमारे अंदर एक विकृति आई है, हमारे बोलचाल में, हमारे बर्ताव में, हमारे कुछ शब्दों में, हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में काफी बड़ी पूंजी बनने वाला है। ये सामर्थ्य मैं देख रहा हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने भाई-भतीजावाद, अनुसंधान समेत कई मुद्दों का अपने भाषण में जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब मैं भाई-भतीजावाद एवं परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं केवल राजनीति की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है।

भ्रष्टाचार देश को दीमक की भांति खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारा प्रयास है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसका प्रयास कर रहे हैं। आगे प्रधानमंत्री  ने कहा, आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों एवं सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं।

स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे, वो आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है। 75 वर्षों के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है। हमारी कोशिश प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर सहायता मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए आवश्यक समाधान हैं।

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