रेल मंत्रालय ने रविवार को एक बड़ी घोषणा की है। यात्री सेवा को सामान्य करने के लिए यात्री रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में कुछ अहम बदलाव करने हैं।
इसलिए अगले सात दिन तक आरक्षण प्रणाली रात में छह घंटे के लिए प्रभावित रहेगी। मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि रेल सेवा को चरणबद्ध तरीके से कोरोना के पहले के दौर में वापस लाया जाएगा। इसके लिए पीआरएस सिस्टम में कुछ बदलाव करने बेहद आवश्यक हैं।
जानिए कब तक प्रभावित रहेगा रिजर्वेशन सिस्टम?
रेल मंत्रालय के अनुसार, “पीआरएस सिस्टम 14 और 15 नवंबर की रात से बंद होना शुरू हो जाएगा। यह 20-21 नवंबर की रात तक रहेगा।”
रिजर्वेशन सिस्टम के बंद होने का समय
रिजर्वेशन सिस्टम ऊपर दी गई तारीखों में हर रात छह घंटे प्रभावित रहेगा। रात 11.30 बजे से लेकर सुबह 5.30 बजे यात्रीगण न तो टिकट रिजर्वेशन करा सकेंगे और न ही तुरंत बुकिंग करा पाएंगे।
इसके अतिरिक्त टिकट रद्द कराने और इंक्यावरी सेवाओं के साथ और भी कई सुविधाएं बंद रहेंगी। पीआरएस सेवाओं के अतिरिक्त बाकी सभी सेवाएं बिना किसी शर्त के जारी रहेंगी।
आखिर क्यों हो रहा है पीआरएस सिस्टम में बदलाव
अब देशभर में चलने वाले रेल कोरोना संक्रमण से पहले जैसी स्थिति में वापस आ रही हैं। ट्रेनों से स्पेशल का टैग हटा दिया गया है। यानी कि अब सभी ट्रेनों के नंबर शून्य से शुरू होने के बजाय अपने पूर्ववर्ती नंबरों के मुताबिक होंगे।
इसलिए अब आरक्षित कोच में केवल उन्हें ही यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाएगी जिनका टिकट कन्फर्म होगा। यहां तक की वेटिंग टिकट से भी यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
अभी कोविड प्रोटोकॉल के कारण यात्रा के दौरान ट्रेन में कैटरिंग की व्यवस्था शुरू नहीं की जाएगी। रेलवे की ओर से यात्रियों को चादर और कंबल भी नहीं दिए जाएंगे।
Back to top button